नई दिल्ली। 1 अप्रैल से 17 दिसंबर के बीच प्रत्यक्ष कर की शुद्ध वसूली में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह अब 17.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। आयकर विभाग द्वारा जारी आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि रिफंड जारी करने की प्रक्रिया धीमी होने के बावजूद सरकार का कर संग्रह मजबूत रहा।

आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कॉर्पोरेट कर से 8.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक और गैर-कॉर्पोरेट कर से लगभग 8.47 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व प्राप्त हुआ। साथ ही, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से 17 दिसंबर तक 40,195 करोड़ रुपये का शुद्ध संग्रह हुआ।

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में रिफंड जारी करने में 14 प्रतिशत की गिरावट आई और यह राशि 2.97 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही। रिफंड को समायोजित करने से पहले सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 4.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 20.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान 25.20 लाख करोड़ रुपये रखा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये संग्रहित करना है।