भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टेर्मर की लंदन में मुलाकात के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह करार दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियों में तेजी लाएगा, निवेश को प्रोत्साहन देगा और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करेगा। साथ ही, इससे भारत और यूके की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पीयूष गोयल ने दी बधाई
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों और देशों की जनता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह व्यापक आर्थिक और व्यापार साझेदारी (CETA) दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई देगा। मंत्री के अनुसार, इस समझौते से भारतीय वस्तुओं जैसे चमड़ा, रसायन, विद्युत उपकरण आदि को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा, जिससे लगभग 23 अरब डॉलर तक के अवसर खुलेंगे।
99% भारतीय निर्यात को मिलेगा लाभ
गोयल ने बताया कि लगभग 99 फीसदी भारतीय निर्यात पर शून्य शुल्क की सुविधा मिलने से कपड़ा, जूता, आभूषण, खिलौना और समुद्री उत्पाद जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के कारीगरों और मजदूरों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि 95% से अधिक कृषि उत्पाद और 99% समुद्री निर्यात भी अब बिना शुल्क के ब्रिटेन भेजे जा सकेंगे, जिससे किसानों और मछुआरों की आमदनी बढ़ेगी।
विनिर्माण और सेवाओं के क्षेत्रों को मिलेगा बल
यह समझौता इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, प्लास्टिक जैसे उद्योगों में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। साथ ही, इससे उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध होंगे।
कुशल पेशेवरों और सेवा प्रदाताओं को लाभ
समझौते के तहत भारतीय आईटी पेशेवरों, शिक्षकों, बावर्चियों, संगीतकारों, योग प्रशिक्षकों और व्यापार यात्रियों को यूके में अधिक अवसर प्राप्त होंगे। ‘दोहरा अंशदान’ संधि के तहत भारतीय पेशेवरों को ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल तक छूट मिलेगी, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा प्रोत्साहन
गोयल ने यह भी कहा कि यह समझौता भारतीय स्टार्टअप्स को यूके के बाजार और निवेश नेटवर्क से जोड़कर वैश्विक मंच पर उनकी स्थिति मजबूत करेगा। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियानों को इससे नई गति मिलेगी, साथ ही यह भारत के व्यापारिक नेतृत्व को और सुदृढ़ बनाएगा।
क्या होता है मुक्त व्यापार समझौता (FTA)?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या अधिक देशों के बीच किया जाने वाला ऐसा समझौता होता है, जिसमें एक-दूसरे के देशों में आयात-निर्यात पर लगने वाले टैक्स (टैरिफ) को पूरी तरह से खत्म किया जाता है या काफी हद तक कम किया जाता है। इसका उद्देश्य व्यापार को सरल और सुगम बनाना होता है।