नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महादेव सट्टेबाजी एप के फरार सह-संस्थापक रवि उप्पल का पता लगाने और हिरासत में लेने का आदेश दिया है। मामला तब सामने आया जब उप्पल कथित तौर पर दुबई से भागकर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि ऐसे आरोपी अदालतों और जांच एजेंसियों को ‘खेल’ समझकर नहीं छोड़ सकते।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि ईडी उप्पल की तलाश करे और उसे हिरासत में सुनिश्चित करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उप्पल लगातार एक जगह से दूसरी जगह जाने में माहिर प्रतीत हो रहे हैं और उसे इस प्रक्रिया में भाग लेना ही होगा। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर तय की गई है।

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि उप्पल को 2023 में दुबई में हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया था। राजू ने कहा कि वित्तीय अपराधों में शामिल आरोपी अक्सर उन देशों की ओर भागते हैं, जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं होती, और उप्पल संभवतः ब्रिटिश वर्जिन द्वीप जैसे स्थान पर गया हो।

उप्पल को इंटरपोल रेड नोटिस के तहत दिसंबर 2023 में दुबई में हिरासत में लिया गया था। महादेव सट्टेबाजी एप मामले की जांच कर रही ईडी ने 2024 में प्रत्यर्पण के लिए यूएई अधिकारियों को पत्र भेजा था। हालांकि, उप्पल को बाद में रिहा कर निगरानी में रखा गया।

एजेंसियों के अनुसार, उप्पल ने अपने सहयोगी सौरभ चंद्राकर के साथ 2018 में महादेव सट्टेबाजी एप की शुरुआत की थी। यह एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अवैध सट्टेबाजी की सुविधा देता था। जांच में सामने आया है कि यह घोटाला करीब 6,000 करोड़ रुपये का है और यह देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। चंद्राकर को अक्टूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अभी लंबित है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया था और आगे की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उप्पल के वकील से कहा कि अब और समय नहीं दिया जाएगा और आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा।