सोने में निवेश पारंपरिक रूप से सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है। इसके कई रूप—जैसे डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड और फिजिकल गोल्ड—आज निवेशकों के लिए उपलब्ध हैं। इनमें से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम ने हाल ही में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है।

SGB 2017-18 सीरीज़-I, जिसे मई 2017 में ₹2,951 प्रति ग्राम की दर पर जारी किया गया था, अब इसकी परिपक्वता पर ₹9,486 प्रति ग्राम की रिडेम्पशन वैल्यू मिल रही है। ऑनलाइन खरीदने वालों को यह बॉन्ड ₹2,901 प्रति ग्राम की रियायती दर पर उपलब्ध हुआ था। इस तरह उन्हें करीब 221% का टैक्स-फ्री लाभ मिला है।

कैसे तय हुई रिडेम्पशन वैल्यू?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने यह मूल्य इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा 28 अप्रैल से 2 मई 2025 के बीच घोषित 999 शुद्धता वाले सोने की औसत कीमत के आधार पर तय किया है।

अतिरिक्त ब्याज और टैक्स में राहत
इन बॉन्ड्स पर निवेशकों को हर वर्ष 2.5% ब्याज भी मिला है, जो हर छह महीने में जमा किया गया। साथ ही, परिपक्वता के समय मिलने वाली राशि पर पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) भी नहीं लगाया गया, जिससे यह निवेश और ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ।

सोना बना पोर्टफोलियो का मजबूत हिस्सा
हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में तेज़ी ने SGB निवेश को और अधिक लाभकारी बना दिया है। विशेषज्ञों की राय है कि पोर्टफोलियो में 10-15% हिस्सा सोने में लगाना एक समझदारी भरा कदम है, क्योंकि यह मुद्रास्फीति के असर से सुरक्षा प्रदान करता है और अस्थिर बाजार स्थितियों में स्थिरता देता है।

निष्कर्ष
SGB 2017-18 सीरीज़-I ने निवेशकों को न केवल उच्च रिटर्न, बल्कि ब्याज आय और टैक्स लाभ भी प्रदान किए। यह योजना लंबे समय के लिए सुरक्षित और लाभदायक निवेश की तलाश कर रहे लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हुई है।