पहलगाम के 22 अप्रैल के आतंकी हमले के मुंहतोड़ जवाब में भारत के ऑपरेशन सिन्दूर के रणबांकुरे शूरवीरों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस पर सैल्यूट किया तो दूसरी ओर भारतीय वायुसेना एवं सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों और जवानों को वीरचक्र तथा अन्य शौर्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। ऑपरेशन के दौरान एसआई व्यास देव के शरीर पर अनेक आघात हुए किन्तु वे अपना लक्ष्य पूरा करने को डटे रहे, यद्यपि आपरेशन में उन्हें अपना एक पैर गवाना पड़ा। इसी प्रकार कांस्टेबल सुद्दी राभा बुरी तरह घायल होने के उपरान्त भी डटे रहे। भारतीय शौर्य परम्परा का निर्वहन करने वालो को पूरा देश प्रणाम करता है।
‘पूजा पाल का निष्कासन’
कौशाम्बी जिले के चाहल विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने सन् 2005 में अपने पति राजू पाल के हत्यारे माफिया अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाने के प्रयासों की सदन में प्रशंसा की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूजा पाल के इस कथन के बाद चन्द मिनटों के भीतर पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया। अखिलेश की इस सहिष्णुता, लोकतंत्रीय परंपरा, अभिव्यक्ति की आजादी के तरीकों की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है, या निंदा !
‘जेब में रखा संविधान’
इनका दावा है कि ये संविधान की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। लोकतंत्र की रक्षा करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार की असहिष्णुता के विरुद्ध लड़ रहे हैं। संविधान की प्रति जेब में रख कर चलते हैं। चौकीदार चोर, वोट चोर, भाग गया, जेल में डाल देंगे जैसे जुमले बोल कर अपनी ‘निडरता’ का परिचय देते हैं। सड़क पर ट्रैक्टर और टायर फूकते हैं। सदन में आस्तीन चढ़ा कर बोलते हैं। आंख मारते हैं। इन के आंख के एक इशारे से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इस सहिष्णुता और उदारता की जय कौन बोलेगा?
‘वर्दीधारी ओसामा’
अमेरिकी सेना के मुख्यालय पेंटागन के पूर्व प्रमुख माइकल रुबिन ने कहा है कि पाकिस्तान का सेना प्रमुख आसिम मुनीर वर्दीधारी ओसामा बिन लादेन जैसा दुर्दान्त आतंकी है। उसने अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के बीच भारत को परमाणु हमले की धमकी दी। रुबिन ने कहा कि ऐसे बेहूदे आतंकी बयान के बाद 30 मिनट के भीतर मुनीर को अमेरिका से निकाल बाहर करना चाहिए था।
मि. रुबिन यह नहीं जानते कि जब एक छोटा शैतान बड़े शैतान के दस्तरख़्वान पर बैठ कर लंच करता है तो वह भी बड़े पागल की भांति बौरा जाता है। ट्रंप व मुनीर के साथ यही हो रहा है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’