केरल: साल 2017 में सामने आए चर्चित अभिनेत्री उत्पीड़न मामले में कानूनी हलचल फिर तेज हो गई है। केरल सरकार ने इस मामले में अभिनेता दिलीप को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार छह दोषियों को दी गई सजा को भी उच्च न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, अपील क्रिसमस छुट्टियों के समाप्त होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी।
राज्य सरकार ने जिला अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की औपचारिक मंजूरी दे दी है। विशेष लोक अभियोजक वी. अजा कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है और अब केवल अदालत की छुट्टियों के खत्म होने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट के फैसले का गहराई से अध्ययन किया गया है और अपील के लिए विस्तृत आधार तैयार किया जा चुका है।
एर्नाकुलम जिला एवं प्रधान सत्र न्यायालय ने इस मामले में छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, जिसमें मुख्य आरोपी पल्सर सुनी शामिल था। वहीं, अदालत ने अभिनेता दिलीप समेत तीन अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। अभियोजन पक्ष का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने लगभग 60 गवाहों की गवाही के आधार पर छह लोगों को दोषी माना, लेकिन उसी साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया, जो न्यायिक दृष्टि से विवादास्पद है।
पीड़िता अभिनेत्री ने पहले सोशल मीडिया पर इस फैसले को निराशाजनक बताया था और कहा था कि उन्हें न्याय की पूरी उम्मीद थी। अब राज्य सरकार की अपील से मामले की न्यायिक समीक्षा की उम्मीद फिर जगी है।
यह मामला फरवरी 2017 का है, जब एक फिल्म शूटिंग के बाद अभिनेत्री त्रिशूर से एर्नाकुलम जा रही थीं। रास्ते में उन्हें अगवा कर गाड़ी में यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया और कथित तौर पर इसे मोबाइल में रिकॉर्ड भी किया गया। बाद में अभिनेता दिलीप का नाम साजिश रचने के आरोप में सामने आया और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
केरल सरकार के इस फैसले के बाद स्पष्ट है कि यह मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है। हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई न सिर्फ इस मामले की दिशा तय करेगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि ऐसे संवेदनशील मामलों में न्याय प्रणाली किस तरह आगे बढ़ती है।