सुभाष घई ने आज अपना जन्मदिन सेलिब्रेट किया

बॉलीवुड के जाने माने फिल्म निर्देशक सुभाष घई आज अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। 24 जनवरी सन 1945 में नागपुर में जन्म सुभाष घई ने हिंदी सिनेमा को कई हिट फिल्में दी हैं। एक समय था जब हिंदी सिनेमा पर सुभाष घई का सिक्का चलता था। हर स्टार उनके साथ फिल्म करना चाहता था। सुभाष घई ने अपने निर्देशन के करियर में कर्मा, राम लखन, खलनायक, परदेस, विश्वनाथ, कालीचरण जैसी कई फिल्में दी हैं। इन्हीं फिल्मों में से एक है सौदागर, जिसमें दिलीप कुमार साहब और दिग्गज अभिनेता राजकुमार एक साथ नजर आए थे लेकिन इस समय सुभाष घई ने वो नाम नहीं कमाया था, फिर भी उन्होंने वो कर दिखाया जो बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई और नहीं कर पाया। आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं, कि एक दूसरे के साथ काम न करने की कसम खान वाले दिलीप कुमार और एक्टर राजकुमार को सुभाष घई कैसे लाए साथ।

सुभाष घई

दरअसल ये किस्सा शुरू हुआ एस. एस. वसन की फिल्म पैगाम से। इस फिल्म में दिलीप और राजकुमार दोनों ही दिग्गज कलाकार एक साथ काम कर रहे थे। इस फिल्म में राजकुमार ने दिलीप कुमार के बड़े भाई का रोल प्ले किया था। एक सीन के दौरान उन्हें दिलीप कुमार को थप्पड़ मारना था लेकिन वह सीन फिल्माते समय कैरेक्टर में इनता खो गए कि उन्होंने सच में दिलीप कुमार को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। दिलीप कुमार भी उस समय के जाने माने अभिनेता थे और इस बात को उन्होंने अपने इगो के तौर पर लिया जिसके बाद उन्होंने राजकुमार के साथ कभी काम ने करने का फैसला किया। तो वहीं राजकुमार ने भी इस बात को ज्यादा सीरियसली नहीं लिया और फर्क नहीं पड़ता वाला रवैया अपनाया।

सुभाष घई

इस किस्से के बाद इंडस्ट्री में सभी को लगता था कि दोबारा से इन दोनों बड़े कलाकारों को एक साथ लाना बहुत ही मुमकिन नहीं है। दोनों ने 32 सालों तक एक दूसरे के साथ काम नहीं किया। जब इंडस्ट्री में पता चला की सुभाष घई दोनों को एक साथ लेकर फिल्म करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो सभी ने उन्हें इस पचड़े में न पड़ने की सलाह दी।

सुभाष घई

सुभाष घई अपनी बात पर अडिग रहे और उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी। सुभाष घई ने कहा एक बार कोशिश तो करनी ही चाहिए। इसलिए सबसे पहले वह पहुंचे दिलीप साहब के यहां। उन्होंने फिल्म की पूरी कहानी सुनाई जिसे सुनने के बाद दिलीप कुमार को फिल्म की स्क्रिप्ट बेहद पसंद आई और उन्होंने हामी भर दी। इसके बाद दिलीप साहब ने दूसरे एक्टर का नाम पूछा। उनके ये पूछते ही घई सबसे पहले अपनी कार में बैठे और दरवाजा बंद कर लिया। उसके बाद बोले- राज कुमार। जब तक दिलीप साहब कुछ कह पाते घई ने अपनी गाड़ी आगे बढ़ा दी और इसके बाद वह चार-पांच दिनों तक उनसे नहीं मिले।

सुभाष घई

सुभाष घई इसके बाद सुभाष घई शाम के समय अभिनेता राजकुमार के घर पहुंचे। राजकुमार को स्कॉच बेहद पसंद थी। सुभाष घई ने उन्हें स्टोरी सुनाई और फिर उनका फैसला पूछा। राजकुमार फिल्म के लिए राजी हो गए। इसके बाद उन्होंने भी वही सवाल पूछा कि फिल्म में दूसरा रोल कौन प्ले कर रहा है। इस पर सुभाष घई ने बड़ी ही होशियारी के साथ बात को संभालते हुए कहा-अब आपके साथ तो कोई बड़ा एक्टर काम कर नहीं सकता तो दिलीप कुमार है न, वो कर लेगा। बस फिर क्या था राजकुमार ने अपने स्कॉच का गिलास हाथ में उठाया और बोले- जानी, इस हिंदुस्तान में अगर अपने बाद हम किसी को कलाकार मानते हैं तो वो हैं दिलीप कुमार। हमार सामने जब दिलीप कुमार आएगा तो जलवा हो जाएगा। इसके बाद दोनों को एक साथ लेकर सुभाष घई ने बनाई फिल्म सौदागर और इसकी शूटिंग उन्होंने 11 महीनों में पूरी कर दी। जिसके बाद दोनों दिग्गज कलाकार एक बार फिर से बड़े पर्दे पर दिखाई दिए।

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