मुंबई: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की क्लोजर रिपोर्ट पर गंभीर आपत्ति जताई है। एएनआई के अनुसार परिवार के वकील वरुण सिंह ने आरोप लगाया कि कई अहम दस्तावेज अभी भी withheld हैं, जिससे एजेंसी के निष्कर्षों को कानूनी चुनौती देना मुश्किल हो रहा है।
मार्च में दायर की गई थी CBI की क्लोजर रिपोर्ट
CBI ने मार्च 2025 में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें रिया चक्रवर्ती और एफआईआर में नामित अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दी गई। रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो कि सुशांत सिंह राजपूत को बंधक बनाया गया, धमकाया गया या किसी आपराधिक कृत्य का शिकार बनाया गया। हालांकि, वकील वरुण सिंह का कहना है कि रिपोर्ट अधूरी है क्योंकि कई अहम बिंदुओं को साझा नहीं किया गया, जबकि पटना कोर्ट ने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे।
परिवार के वकील ने रिपोर्ट को अधूरी बताया
वरुण सिंह ने एएनआई को बताया, “हम अदालत जाने का इरादा रखते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बाधा यह है कि क्लोजर रिपोर्ट के साथ सभी दस्तावेज हमें उपलब्ध नहीं कराए गए। पूरी रिपोर्ट के बिना विरोध याचिका दायर करना असंभव है।” उन्होंने कहा कि कानून के तहत शिकायतकर्ता को क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने का अधिकार है और मजिस्ट्रेट के पास भी मामले को आगे बढ़ाने का अधिकार है। लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों को संबंधित दस्तावेजों तक पहुंच होनी चाहिए। रिपोर्ट दायर किए सात महीने से अधिक समय बीत चुका है, बावजूद इसके रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।
वरुण सिंह ने आगे कहा, “CBI की भाषा ही यह दर्शाती है कि निष्कर्ष निर्णायक नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘आत्महत्या की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’ इसका मतलब है कि निष्कर्ष अस्पष्ट हैं। अगर एजेंसी यह तय नहीं कर पाई कि यह आत्महत्या थी, आत्महत्या के लिए उकसाना था या हत्या, तो क्या मामला बंद कर देना सही था? सच्चाई को निर्णायक रूप से स्थापित करना CBI का कर्तव्य था।”