तमिल सिनेमा में ‘पॉवर स्टार’ के नाम से पहचान बना चुके अभिनेता डॉ. एस. श्रीनिवासन को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उन पर एक कंपनी से होटल प्रोजेक्ट में निवेश कराने के नाम पर 1000 करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने का गंभीर आरोप है। श्रीनिवासन 2018 से फरार थे और उन्हें दो बार भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है।
फिल्म निर्माण के नाम पर फंड का दुरुपयोग
जांच एजेंसी EOW के अनुसार, श्रीनिवासन ने कथित रूप से इस धनराशि का उपयोग फिल्म निर्माण और निजी जरूरतों के लिए किया। चेन्नई में उनके खिलाफ छह अन्य धोखाधड़ी मामलों की भी पुष्टि हुई है। दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2010 में मेसर्स ब्लू कोस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड नामक कंपनी से कुछ व्यक्तियों—हेनरी लालरेमसंगा, दीपक बंगा, अनिल वार्ष्णेय और रामानुज मुववाला—ने संपर्क कर खुद को होटल और कॉरपोरेट प्रोजेक्ट्स के लिए अनुभवी वित्तीय सलाहकार बताया।
निवेश के नाम पर वसूली गई मोटी रकम
इन लोगों ने दावा किया कि वे 1000 करोड़ रुपये का लोन दिला सकते हैं और यदि डील पूरी नहीं हुई तो 30 दिनों के भीतर एडवांस रकम लौटा देंगे। इसके बाद उन्होंने शिकायतकर्ता का परिचय एस. श्रीनिवासन से कराया, जिन्होंने खुद को बाबा ट्रेडिंग कंपनी का मालिक बताया और इस कर्ज को मंजूर कराने की जिम्मेदारी ली।
न कर्ज मिला, न पैसे वापस
करार के अनुसार, शिकायतकर्ता कंपनी ने श्रीनिवासन को 5 करोड़ रुपये प्रोसेसिंग फीस के तौर पर दिए। लेकिन न तो ऋण मंजूर हुआ और न ही भुगतान की गई रकम लौटाई गई। शिकायत के अनुसार, दिए गए पोस्ट-डेटेड चेक भी बाउंस हो गए। जांच में यह भी पाया गया कि रकम श्रीनिवासन और उनकी पत्नी के बैंक खातों में ट्रांसफर हुई, जिसमें से 50 लाख रुपये कैश निकाले गए और 4 करोड़ की एफडी भी बनाई गई। जब उनसे इस खर्च के प्रमाण मांगे गए, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
ज़मानत के बाद भी वादा तोड़ा, अब गिरफ्तार
श्रीनिवासन को पहले जमानत मिली थी, जिसमें उन्होंने 15 दिनों के भीतर 10 करोड़ रुपये लौटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन केवल 3.5 लाख रुपये लौटाकर वे फिर फरार हो गए। लंबी तलाश के बाद अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि मामले में और खुलासे संभव हैं।