कुछ फिल्मों के सहायक किरदार को मुख्य किरदारों से ज्यादा सहराया गया

बॉलीवुड फिल्मों की कहानी हमेशा मुख्य किरदार के ईद-गिरद घूमती रहती है। हालांकि बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी भी बनी हैं, जिनमें सहायक पात्र को मुख्य किरदार से ज्यादा सहराया गया है। कभी नायक की सहायता, तो कभी उनके रास्ते में चट्टान की तरह खड़े होने वाले इन सहायक किरदारों ने दर्शकों के दिलों-दिमाग में अपनी अलग छाप छोड़ी है। चाहे वो मुन्ना भाई’ का सर्किट हो या ‘तारे जमीन पर’ का निकुंभ। अब दर्शक इन सहायक किरदार के बारे में अधिक जानना चाहते हैं। वह उनकी कहानी, उनका जीवन, उनके संघर्ष को बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि सूची में किन सहायक कलाकारों का नाम शामिल है।

चांद नवाब

चांद नवाब (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) – बजरंगी भाईजान
मुन्नी की सुरक्षित वापसी में पाकिस्तानी पत्रकार की अहम भूमिका थी। बजरंगी भाईजान की घटनाओं के बाद उनके जीवन के बारे में एक फिल्म देखना दिलचस्प होगा।

दीपक सहगल

दीपक सहगल (अमिताभ बच्चन) – पिंक
फिल्म पिंक में वकील दीपक सहगल ने लड़कियों के लिए तब लड़ाई लड़ी जब उन्हें वाकई उनकी जरूरत थी। हमें पता चला कि सेवानिवृत्त होने का फैसला करने से पहले वह एक सफल वकील थे। लेकिन उन्होंने इतनी जल्दी संयाय क्यों लिया, उनकी क्रूरता के पीछे क्या कहानी थी? ये जानना बेहद मनोरंजक होगा।

पप्पी

पप्पी (दीपक डोबरियाल) – तनु वेड्स मनु और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स
फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ में पप्पी की अहम भूमिका थी। मनु को तनु से मिलाने के पीछे पप्पी का ही हाथ था। उसने अपने दोस्त के प्यार के लिए हर मुमकिन कोशिश की थी। यही कारण है कि पप्पी दोनों फिल्मों में दर्शकों का पसंदीदा किरदार था। इसलिए पप्पी के किरदार पर कॉमेडी फिल्म बेहद मनोरंजक हो सकती है।

सर्किट

सर्किट (अरशद वारसी) – मुन्नाभाई सीरीज
मुन्ना के लिए सर्किट वही है, जो रोटी के लिए मक्खन। सर्किट, मुन्ना के लिए दोस्त, भाई, मां सब कुछ था। यदि सर्किट नहीं होता तो मुन्ना, मुन्ना नहीं बन पाता। इसलिए दर्शक निश्चित रूप से सर्किट के बारे में जानना चाहते हैं। 

राम शंकर निकुंभ

राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) – तारे जमीन पर
ईशान के जीवन में राम तब आता है, जब वह अपने नए स्कूल में संघर्ष कर रहा होता है। अपने शिक्षण विधियों के साथ, राम ईशान की परेशानियों को दूर करता है। राम डिस्लेक्सिया के साथ अपने बचपन के संघर्षों के बारे में भी खुलकर बात करता है। इसलिए राम के बचपन से संबंधित एक फिल्म प्रीक्वल की तरह हो सकती है।

ए कॉमन मैन

ए कॉमन मैन (नसीरुद्दीन शाह) – ए वेडनस्डे!
एक आम आदमी जो हर दिन जीवित रहने के लिए संघर्ष करता है। लेकिन उसके जीवन में ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से उसने ऐसा कदम उठाया? इस पर एक पेचीदा कहानी बन सकती है।

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