बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में बुधवार को एक सुनियोजित रैली में गोलीबारी भड़कने से तीन लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। यह हिंसा उसी दिन हुई जब ‘नेशनल सिटीजन्स पार्टी’ (एनसीपी), जिसकी स्थापना छात्र समूह ने की है, ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पीलीबारी में स्थित जन्मस्थल पर एक रैली आयोजित की—जिसमें "बंगबंधु" शेख मुजीबुर रहमान की कब्र को तोड़ने की अपील भी की गई थी।
तनाव की शुरुआत हुई रैली से
शाम को हुई रैली में ‘शेख हसीना की गिरावट’ का दावा करते हुए, एनसीपी कार्यकर्ताओं ने 'जुलाई मार्च टू बिल्ड द नेशन' के तहत प्रदर्शन आयोजित किया। अवामी लीग समर्थकों ने मंच पर छलांगे मारकर और एनसीपी कार्यकर्ताओं को पीटा। सेना व पुलिस को स्थिति काबू में करने के लिए तैनात करना पड़ा।
गुंडागर्दी का दौर जारी
बुधवार सुबह लगभग 9:30 बजे सदर उपजिला की उप-क्षेत्र उलपुर-दुर्गापुर रोड पर एनसीपी के समर्थन या विरोध में मौजूद अज्ञात लोगों ने पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर आग लगा दी—जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में सदर उपजिला अधिकारी एम रकीबुल हसन के वाहन पर भी ताबड़तोड़ हमला किया गया, जिसमें उनका ड्राइवर घायल हो गया। एनसीपी का आरोप है कि इस हमले में '200–300 अवामी लीग समर्थक' शामिल थे, जिन्होंने उनके नेताओं और उनके अनुलग्नकों पर हमला कर चारों ओर से घेर लिया।
हस्तक्षेप करने पहुंची पुलिस व सेना
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस और सेना ने धमकी स्वरूप ध्वनि ग्रेनेड और खाली गोलियां चलाईं। विवादित नेता व कार्यकर्ता घटनास्थल से पलायन करने में सफल रहे। गोपालगंज के उपायुक्त मोहम्मद कमरुज्जमां ने पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है।
सरकार ने बताया रैली का दोरायाफ्ता
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गोपालगंज में हुई हिंसा पर बयान जारी किया है, जिसमें उसने एनसीपी रैली पर अंकुश लगाने को 'मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’ बताया है और आश्वासन दिया है कि हमले में शामिल दोषियों को न्याय दिलाया जाएगा। बयान में कहा गया है कि "यह हिंसा अस्वीकार्य है और हम इसे सहन नहीं करेंगे।"
विपक्ष की तीखी टिप्पणी
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए रैली का जिक्र करते हुए कहा कि "जुलाई विद्रोह" का उपयोग हो रहा है, जिसका मकसद अवामी लीग के अराजक शासन का फायदा उठाना और देश को अस्थिर करना है।
मुख्य बिंदु:
- तीन लोगों की मौत, सैकड़ों घायलों में कई की हालत गंभीर।
- शेख मुजीब की कब्र तोड़ने की अपील ने बढ़ाई हिंसा की सम्भावनाएं।
- धारा 144 लागू, सेना व पुलिस चौकन्नी।
- सरकार ने कहा रैली रोकना मौलिक अधिकार नहीं, लेकिन दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
- बीएनपी का आरोप, अवामी लीग हिंसा का हमकदम।