दक्षिण चीन सागर के विवादित ‘सेकंड थॉमस शोल’ क्षेत्र में फिलीपींस ने खाद्य सामग्री, ईंधन और नौसेना के नए कर्मियों की आपूर्ति सफलतापूर्वक पूरी की। यह मिशन कई घंटों तक चला, जिसके दौरान चीन के सरकारी जहाजों द्वारा संचार प्रणाली में बाधा डाले जाने की बात सामने आई है। इसकी पुष्टि फिलीपींस के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को की।

फिलीपींस की सशस्त्र सेनाओं ने बताया कि शुक्रवार को भेजी गई टीम ने चीनी तटरक्षक जहाजों की मौजूदगी के बावजूद आपूर्ति में किसी अप्रिय घटना का सामना नहीं किया। चीनी जहाज इस क्षेत्र में लंबे समय से गश्त करते रहे हैं और विवाद के कारण हमेशा सतर्क माहौल बना रहता है।

चीन वर्षों से जताता रहा है दावा

अधिकारियों ने मिशन से जुड़ी ज्यादा जानकारी उजागर करने से परहेज किया और संवेदनशीलता का हवाला देते हुए पहचान न बताने की शर्त रखी। चीन की ओर से इस घटना पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वह पहले भी इस समुद्री क्षेत्र और शोल पर अपना दावा ठोंकता रहा है। बीजिंग कई बार फिलीपींस को चेतावनी दे चुका है कि वह अपने फंसे युद्धपोत ‘बीआरपी सिएरा माद्रे’ को इस इलाके से हटाए।

संचार जाम करने का उद्देश्य?

फिलीपींस के एक अधिकारी ने बताया कि जब आपूर्ति दल ‘सिएरा माद्रे’ पर सामान पहुंचा रहा था, तब चीनी तटरक्षक ने आसपास के क्षेत्र में संचार जाम कर दिया। माना जा रहा है कि बीजिंग यह कदम इसलिए उठा रहा है, ताकि अमेरिकी और अन्य सहयोगी देशों के ड्रोन दक्षिण चीन सागर की निगरानी न कर सकें। अमेरिका और कई मित्र देशों ने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और फिलीपींस को सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

एक साल में 12 सफल मिशन

फिलीपींस सेना ने पिछले एक साल में बिना किसी संघर्ष के ऐसे 12 आपूर्ति मिशन पूरे किए हैं। यह स्थिति जुलाई 2024 में दोनों देशों के बीच हुए अस्थायी ‘गैर-आक्रामक समझौते’ के बाद संभव हुई थी, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में तनाव कम करना था। हालांकि, इसके बावजूद चीन ने अगस्त में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी और अतिरिक्त तटरक्षक तथा संदिग्ध मिलिशिया जहाज इस क्षेत्र में तैनात किए, जिनमें भारी मशीनगनों से लैस कुछ पोत, एक हेलिकॉप्टर और एक मानवरहित निगरानी ड्रोन भी शामिल था।