अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दक्षिण अफ्रीका को लेकर सार्वजनिक मंचों पर की गई टिप्पणियों और जी20 सम्मेलन में न भाग लेने की पुष्टि के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका ने साफ कर दिया है कि वह जी20 अध्यक्षता का प्रतीकात्मक हस्तांतरण किसी जूनियर अमेरिकी अधिकारी को नहीं करेगा।
गौरतलब है कि जी20 आयोजनों में परंपरा रही है कि आगामी अध्यक्षता संभालने वाले देश के राष्ट्र प्रमुख या विशेष प्रतिनिधि ही प्रतीकात्मक हैंडओवर प्राप्त करते हैं। ट्रंप के जी20 का बहिष्कार करने के संकेत देने के बाद अमेरिका ने आठ सदस्यीय दल भेजने की अनुमति मांगी, जिसका नेतृत्व राजनयिक मार्क जिलार्ड करेंगे।
हालाँकि, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जूनियर अधिकारी को अध्यक्षता सौंपने से इनकार किया। उनके प्रवक्ता विंसेंट मैग्वेन्या ने कहा, “राष्ट्रपति किसी चार्ज डी’अफेयर्स को जी20 की अध्यक्षता नहीं सौंपेंगे। यह स्थापित प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। दुनिया का कोई भी राष्ट्राध्यक्ष ऐसा नहीं करेगा।”
व्हाइट हाउस की टिप्पणी से नाराज दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका में व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट की टिप्पणियों को लेकर भी नाराजगी है। लेविट ने कहा था कि रामाफोसा अमेरिका और ट्रंप के खिलाफ कुछ कह रहे थे, जिसे राष्ट्रपति और उनकी टीम पसंद नहीं करते। विश्लेषकों ने इसे राष्ट्रपति का अपमान और कूटनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन बताया।
इसके अलावा, ट्रंप की दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के खिलाफ नरसंहार जैसी कथित शिकायतों पर भी देश में असंतोष है। दक्षिण अफ्रीकी सरकार और स्थानीय श्वेत नेताओं ने इन आरोपों को कई बार खारिज किया। ट्रंप ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात के दौरान कहा था कि वह जी20 के लिए दक्षिण अफ्रीका नहीं जा रहे हैं, क्योंकि वहां की नीतियां उनके अनुसार स्वीकार्य नहीं हैं।
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल केवल अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए उपस्थित होगा और चर्चा में हिस्सा नहीं लेगा। दक्षिण अफ्रीका का मानना है कि अमेरिका यह कदम इसलिए उठा रहा है ताकि वह उस स्थिति से बच सके, जिसमें रामाफोसा संकेत दे रहे थे कि उपयुक्त प्रतिनिधि की गैरमौजूदगी में अध्यक्षता खाली कुर्सी को सौंप दी जाएगी।