बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सामने चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। देश के भीतर कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता के बीच अब अमेरिका ने भी उनकी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने मोहम्मद यूनुस को पत्र भेजकर बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर गंभीर चिंता जताई है।

पत्र में अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में एक प्रमुख राजनीतिक दल पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, जिसमें पार्टी से जुड़े ऑनलाइन मंच भी शामिल हैं।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने अपने पत्र में बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर भी नाराजगी जाहिर की। सांसदों ने कहा कि अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर ऐसा वातावरण बनाए, जिससे देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संभव हो सकें। हालांकि, समिति ने आशंका जताई कि राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल) को दोबारा सक्रिय किए जाने से यह लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्ष 2018 और 2024 के आम चुनावों को निष्पक्ष नहीं माना गया। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान हुई हिंसा में लगभग 1400 लोगों की जान गई थी। अमेरिकी सांसदों का कहना है कि बांग्लादेश को इन घटनाओं से सबक लेते हुए लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय बदले की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अमेरिकी समिति ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी एक राजनीतिक दल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है और इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है। इस पत्र के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ता दिख रहा है।