दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित कर जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ पीड़िता ने मंगलवार देर शाम दिल्ली के इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पीड़िता के साथ उनकी मां और महिला सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना भी मौजूद रहीं। पीड़िता ने कोर्ट के फैसले पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस निर्णय से उन्हें बेहद आघात पहुंचा है और उन्हें न्याय न मिलने का एहसास हो रहा है।
पीड़िता ने कहा कि फैसले के बाद वह मानसिक रूप से टूट गई थीं और आत्महत्या तक का विचार आया, लेकिन परिवार की जिम्मेदारी ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि आजीवन कारावास की सजा पाए दुष्कर्म के दोषी को बाहर छोड़ा जा सकता है, तो पीड़ित महिलाएं खुद को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी। उनका आरोप है कि आरोपी को आगामी चुनावों को देखते हुए राहत दी गई है, ताकि उसकी पत्नी चुनाव लड़ सके। पीड़िता ने स्पष्ट किया कि वह अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।
धरने पर बैठी पीड़िता की मां ने कहा कि जमानत के बाद उनका पूरा परिवार खतरे में है। उन्होंने कहा कि वे न सिर्फ अपनी बेटी, बल्कि देश की सभी बेटियों के लिए यह लड़ाई लड़ रही हैं और किसी भी दबाव में पीछे नहीं हटेंगी। महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने भी फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीड़िता और उसका परिवार शुरू से ही संघर्ष झेलता आ रहा है, ऐसे में दोषी को जमानत मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हो गए हैं कि दोषी बाहर हैं और बेगुनाहों को डर के साये में जीना पड़ रहा है।
पीड़िता की बहन ने भावुक होते हुए कहा कि उनके परिवार ने पहले ही कई अपूरणीय नुकसान झेले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी के लोग लगातार धमकियां दे रहे हैं और अब उसकी रिहाई से डर और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यदि दोषी को बाहर रखा जा सकता है, तो पीड़ित परिवार को जेल में ही सुरक्षित कर दिया जाए।
इस मुद्दे पर निर्भया की मां आशा देवी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है, जिसमें गंभीर अपराधों के दोषियों को राहत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अदालतों को पीड़ितों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति को प्राथमिकता देनी चाहिए। आशा देवी ने कहा कि दोषी चाहे घर पर रहे या किसी दूसरी जगह, इससे फर्क नहीं पड़ता—अपराध सिद्ध हो चुका है, इसलिए सजा पूरी होनी चाहिए।
इंडिया गेट पर हो रहे इस विरोध प्रदर्शन को कुछ समय बाद दिल्ली पुलिस ने समाप्त करा दिया और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया गया। इसके बाद एहतियात के तौर पर इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।