वॉशिंगटन: अमेरिका का ट्रंप प्रशासन जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत रूस से व्यापार करने वाले देशों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को मीडिया से बातचीत में इस विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि रूस के व्यापारिक साझेदार देश यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने में भूमिका निभा रहे हैं, खासकर वे देश जो रूस से कच्चा तेल और गैस खरीद रहे हैं।
ट्रंप ने बताया कि रिपब्लिकन पार्टी ऐसे विधेयक पर काम कर रही है, जिसमें रूस से व्यापार करने वाले देशों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध और भारी शुल्क लगाने की व्यवस्था होगी। उनका कहना था कि यह कदम रूस को वित्तीय मदद देने वाले देशों को रोकने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
भारत और चीन पर पड़ सकता है असर
इस कानून का असर उन देशों पर भी पड़ सकता है जो रूस से ऊर्जा उत्पाद आयात करते हैं, जिनमें भारत और चीन शामिल हैं। अमेरिका ने पहले ही रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है। अगर नया विधेयक लागू हुआ, तो भारत और चीन को भारी शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ईरान भी प्रभावित देशों में शामिल हो सकता है।
भारत-रूस व्यापार में वृद्धि
वहीं, भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। दोनों देशों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर तक व्यापार बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, इंडिया-यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन के तहत मुक्त व्यापार समझौते की भी संभावना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि अमेरिका का यह विधेयक पारित हो जाता है, तो रूस से कच्चा तेल या गैस खरीदने वाले देशों से आयात पर 500 प्रतिशत तक शुल्क लगाया जा सकता है।