बांग्लादेश में हालिया हिंसक घटनाओं के दौरान दो हिंदू युवकों की नृशंस हत्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इन घटनाओं को लेकर अमेरिका ने कड़ा रुख अपनाते हुए धार्मिक हिंसा की खुलकर निंदा की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है।

इसी बीच अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने बांग्लादेश में हिंदू कपड़ा मजदूर दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या को “अत्यंत भयावह” करार दिया। उन्होंने धार्मिक आधार पर फैल रही नफरत के खिलाफ बिना किसी शर्त कड़ा विरोध जताने की अपील की है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका धर्म की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आज़ादी और शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने के अधिकार का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हर प्रकार की धार्मिक हिंसा का विरोध करता है और बांग्लादेश में सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को सकारात्मक मानता है।

अल्पसंख्यकों पर बढ़ती चिंता

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को भालुका क्षेत्र में कार्यरत कपड़ा मजदूर दीपू चंद्र दास की भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोपों के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और बाद में उनके शव को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के बाद बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर सवाल और गहरे हो गए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया राजनीतिक अस्थिरता के बीच अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमले गंभीर संकेत हैं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है।