मॉडर्न लाइफस्टाइल बन रहा युवाओं के दिल का दुश्मन, डॉक्टरों की चेतावनी

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तकनीक के साथ आगे बढ़ना भले ही जरूरी हो गया हो, लेकिन इसकी कीमत कहीं न कहीं लोग अपनी सेहत से चुका रहे हैं। खासकर युवाओं के बीच बदलती जीवनशैली और कुछ आधुनिक आदतें हृदय रोगों के खतरे को तेजी से बढ़ा रही हैं। हृदय विशेषज्ञ लगातार सचेत कर रहे हैं कि यदि समय रहते सतर्कता न बरती गई, तो हार्ट अटैक और दिल की अन्य बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ते रहेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि हृदय से जुड़ी समस्याएं अचानक नहीं होतीं, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन की आदतों का परिणाम होती हैं। अगर समय रहते खानपान, नींद, तनाव और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दिया जाए, तो दिल को काफी हद तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

जानिए क्यों बढ़ रहे हैं दिल से जुड़े रोग

1. लंबे समय तक बैठना और स्क्रीन के सामने रहना
राजीव गांधी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीत जैन बताते हैं कि मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के सामने लगातार बैठे रहना एक सामान्य दिनचर्या बन चुका है। इससे शरीर का रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। यही दो प्रमुख कारण हृदय संबंधी रोगों को जन्म देते हैं।

2. प्रोसेस्ड और फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन
रेडी-टू-ईट फूड, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और अत्यधिक मीठे पेय पदार्थ ट्रांस फैट, नमक और शुगर की अधिक मात्रा के जरिए शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे शरीर में सूजन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो दिल पर सीधा प्रभाव डालता है।

3. नींद में गड़बड़ी और बढ़ता तनाव
नींद की अनियमितता और तनाव अब आम बात हो गई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि नींद की कमी से शरीर में कॉर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे हृदय गति और रक्तचाप असंतुलित हो सकते हैं। लगातार तनावपूर्ण जीवनशैली दिल की धड़कन को प्रभावित करती है और दिल का दौरा पड़ने की आशंका को बढ़ाती है।

विशेषज्ञों की चेतावनी
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अब 30 वर्ष की उम्र के बाद ही दिल की बीमारियों के मामले बढ़ने लगे हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण आधुनिक जीवनशैली और अनियंत्रित आदतें हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। समय रहते अगर इन पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

क्या करें बचाव के लिए?

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना
  • प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का पौष्टिक खाना लेना
  • हर दिन कम से कम 7–8 घंटे की नींद लेना
  • स्क्रीन के सामने बिताया समय सीमित करना
  • तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान को अपनाना

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