नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा वीज़ा प्रक्रिया को और कड़ा करने के बाद भारत ने स्पष्ट किया है कि किसी भी देश के लिए वीज़ा जारी करना उसका संप्रभु अधिकार होता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि अमेरिका अब हर वीज़ा आवेदन को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देख रहा है और अपनी सुरक्षा के आधार पर निर्णय लेना उसका अधिकार है।
जयशंकर ने बताया कि हाल ही में लागू अमेरिकी नियमों के तहत अब छात्र वीज़ा के साथ-साथ H-1B और H-4 वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट भी सार्वजनिक करने होंगे, ताकि अधिकारी उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की गहन जांच कर सकें। इससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है।
सोशल मीडिया जांच अनिवार्य
अमेरिका ने 15 दिसंबर से लागू होने वाले नए नियमों में कहा है कि H-1B और H-4 वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट पब्लिक होने चाहिए। इससे पहले यह नियम केवल छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स पर लागू था। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वीज़ा कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल गतिविधियों की जांच जरूरी है।
छात्रों की चिंताओं पर भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2025 में लागू अमेरिकी नीति के बाद कई भारतीय छात्रों के वीज़े मामूली कारणों से रद्द कर दिए गए। कुछ मामलों में छात्रों को देश छोड़ने का दबाव भी बनाया गया। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार हर ऐसे मामले में अपने दूतावास और वाणिज्य दूतावास के माध्यम से हस्तक्षेप कर रही है और अमेरिका को स्पष्ट किया गया है कि छोटे तकनीकी कारणों पर सख़्त कार्रवाई उचित नहीं है।
अमेरिका का तर्क
अमेरिका का कहना है कि हर वीज़ा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन के बाद भी वीज़ा और इमिग्रेशन नियम लगातार सख्त किए जा रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, सभी आवेदकों को पात्रता साबित करनी होगी और यह भरोसा देना होगा कि वे वीज़ा नियमों का पालन करेंगे।
भारत की स्थिति और आगे की कार्रवाई
जयशंकर ने कहा कि भारत ने कई मामलों में अमेरिका से संवाद किया है और भारतीय छात्रों और पेशेवरों के हितों की रक्षा जारी रखेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है और जहां संभव होगा, अमेरिका से राहत दिलाई जाएगी। विदेश मंत्री ने दोहराया कि वीज़ा जारी करना अमेरिकी सरकार का अधिकार है, लेकिन भारतीय नागरिकों के साथ अनुचित व्यवहार नहीं होने दिया जाएगा।