ट्रंप के टैरिफ फैसले पर कांग्रेस का केंद्र पर हमला, विदेश नीति को बताया नाकाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले ट्रंप अब भारत पर आर्थिक बोझ बढ़ा रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। कांग्रेस ने चुनौती देते हुए लिखा—”नरेंद्र मोदी, साहस दिखाइए और ट्रंप को जवाब दीजिए।”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक उनकी एक झलक पाने को आतुर रहते हैं, लेकिन ट्रंप द्वारा भारत विरोधी निर्णयों पर सब खामोश हैं। उन्होंने सवाल उठाया—”देश के लिए कुछ कहेंगे नहीं? अपमान के खिलाफ खड़े नहीं होंगे?”

सुप्रिया ने आगे कहा कि यह राष्ट्रभक्ति केवल कैमरों तक सीमित न होनी चाहिए, और मोदी समर्थकों को अगर वास्तव में देश की चिंता है तो विदेशी नागरिकता त्यागकर भारत लौट आना चाहिए।

‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ वाले बयान पर भी उठे सवाल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे को लेकर एक विस्तृत पोस्ट किया और सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने याद दिलाया कि सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में हुए ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक मंच से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में कहा था, “अबकी बार, ट्रंप सरकार!” इसके बाद 2020 में अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भव्य स्वागत किया गया।

जयराम रमेश ने कहा कि 2025 में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी सरकार ने इसे बड़ी कूटनीतिक सफलता की तरह प्रचारित किया और बताया गया कि पीएम मोदी ट्रंप से मिलने वाले पहले वैश्विक नेताओं में शामिल रहे। यहां तक कि विदेश मंत्री को उनके शपथग्रहण समारोह में अग्रिम पंक्ति में बैठाया गया।

मस्क से मेल-जोल और ‘MEGA’ फॉर्मूले पर भी तंज

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के करीबी माने जाने वाले एलन मस्क और उनके परिवार को भी विशेष महत्व दिया, ताकि ट्रंप से नजदीकी और मजबूत हो सके। फरवरी 2025 में ट्रंप से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने “MAGA + MIGA = MEGA” जैसा अलजेब्रा का सूत्र पेश कर अपनी नजदीकी जताई थी।

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में हस्तक्षेप का 33 बार दावा किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) की साख को कमजोर किया, पर भारत ने कोई विरोध नहीं जताया। कांग्रेस नेता ने अंत में कहा कि यह सब बताता है कि प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्ति-केंद्रित और ‘झप्पी-कूटनीति’ पर आधारित विदेश नीति अब पूरी तरह असफल साबित हो रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here