नई दिल्ली/चाबहार। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का अपतटीय गश्ती पोत ‘सार्थक’ खाड़ी क्षेत्र में अपनी विदेशी तैनाती के तहत ईरान के रणनीतिक चाबहार बंदरगाह पर पहुंच गया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यह दौरा समुद्री सुरक्षा और संरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
आईसीजी के अनुसार, ‘सार्थक’ मंगलवार को चाबहार पहुंचा और 19 दिसंबर तक बंदरगाह पर रहेगा। इस दौरान जहाज का चालक दल ईरानी नौसेना और अन्य समुद्री एजेंसियों के साथ पेशेवर संवाद, शिष्टाचार भेंट और संयुक्त गतिविधियों में भाग लेगा। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा से जुड़े संस्थागत संबंधों को मजबूत करना और आपसी समन्वय को बढ़ाना है।
संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम
बंदरगाह प्रवास के दौरान समुद्री खोज एवं बचाव, समुद्री कानून प्रवर्तन और समुद्री प्रदूषण से निपटने पर केंद्रित संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत तेल रिसाव और खतरनाक व हानिकारक पदार्थों (एचएनएस) के रिसाव से निपटने को लेकर विशेष प्रदर्शन भी किया जाएगा, जिससे समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र की कार्यप्रणाली को परखा जा सके।
इसके अलावा, मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर्स (एमआरसीसी) के बीच समन्वय अभ्यास, टेबल-टॉप ड्रिल और संयुक्त दौरा, बोर्डिंग, तलाशी एवं जब्ती (वीबीएसएस) अभ्यास भी प्रस्तावित हैं। इन गतिविधियों से दोनों देशों की समुद्री एजेंसियों के बीच परिचालन क्षमता और अंतर-संचालनीयता को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार
आईसीजी ने बताया कि ओमान की खाड़ी के उत्तरी तट पर स्थित चाबहार एक प्रमुख गहरे पानी का बंदरगाह है, जो भारत को ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधी समुद्री पहुंच उपलब्ध कराता है। यह मार्ग क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है।
भारतीय तटरक्षक बल के जहाज की चाबहार यात्रा इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती समुद्री भागीदारी और सहयोग को दर्शाती है। यह पहली बार है जब आईसीजी का कोई जहाज इस ईरानी बंदरगाह पर पहुंचा है।