अम्मान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जॉर्डन के आधिकारिक दौरे पर हैं, जहां उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर स्पष्ट किया। विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) डॉ. नीना मल्होत्रा ने इस दौरे को भारत-जॉर्डन संबंधों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है और 37 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने जॉर्डन का पूर्णकालिक द्विपक्षीय दौरा किया है।
अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने इंडिया-जॉर्डन बिजनेस फोरम को भी संबोधित किया। इस मंच पर दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों की मौजूदगी में ऊर्जा, डिजिटल तकनीक, जल प्रबंधन, संस्कृति और जन-संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर कई समझौते और एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
आतंकवाद पर साझा दृष्टिकोण
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि जॉर्डन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष का समर्थन करते हुए सभी रूपों में आतंकवाद की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जॉर्डन के राजा की उदारवादी सोच और इस्लामिक दुनिया में मध्यमार्ग को बढ़ावा देने वाली भूमिका की सराहना की। बातचीत में उर्वरक, विशेषकर फॉस्फेट के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय व्यापार को पांच अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के महत्व पर भी सहमति जताई।
संस्कृति और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
विदेश मंत्रालय की सचिव ने बताया कि वर्ष 2025 से 2029 तक के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही जॉर्डन के पेट्रा और महाराष्ट्र की एलोरा गुफाओं के बीच ट्विनशिप समझौता किया गया, जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूती मिलेगी। डिजिटल क्षेत्र में सफल नवाचारों को साझा करने को लेकर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।
ओमान के आतंकवाद विरोधी रुख का उल्लेख
डॉ. मल्होत्रा ने यह भी बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ओमान के राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर भारत के साथ एकजुटता जताई थी। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हुए भारत के प्रयासों का समर्थन किया। मल्होत्रा के अनुसार, ओमान का नेतृत्व मध्यमार्ग और उग्रवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है और आतंकवाद निरोध की दिशा में अहम कार्य कर रहा है।