नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी (सेवानिवृत्त) ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले तेज किए और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने लगी, तब भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई कर पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
चौधरी ने बताया कि अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इसके बाद सरकार ने साहसिक निर्णय लिया। इसके तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। यह कार्रवाई सेना, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयास और सटीक रणनीति का नतीजा थी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब
पूर्व प्रमुख ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की आशंका पहले से थी। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिसमें उधमपुर के अस्पताल पर भी हमला करने की कोशिश की गई। लेकिन भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली ने हर हमले को नाकाम कर दिया और देश के भीतर किसी तरह का नुकसान नहीं होने दिया।

निर्णायक पल और प्रभावी जवाब
चौधरी ने बताया कि जब पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस पर हमले शुरू किए, तब भारत ने पलटवार करने का निर्णय लिया। 9 और 10 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयरबेस और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों ने पाकिस्तान की प्रमुख हवाई ताकत को भारी क्षति पहुंचाई, जिससे उसे ‘सफेद झंडा’ दिखाना पड़ा।

आधुनिक तकनीक और खुफिया नेटवर्क की भूमिका
पूर्व प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में आधुनिक मिसाइलों और लड़ाकू विमानों ने अहम भूमिका निभाई। सटीक हमले खुफिया जानकारी, निगरानी और सैटेलाइट सर्विलांस के मजबूत नेटवर्क की वजह से संभव हुए। चौधरी ने कहा कि आज की तकनीक में छिपने की कोई जगह नहीं बची है और भारत ने इसका पूरा लाभ उठाया।