मलयालम सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माता श्रीनिवासन का शनिवार को 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके जाने से केरल सहित पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अभिनय के साथ-साथ पटकथा लेखन और निर्देशन के क्षेत्र में भी उन्होंने जो योगदान दिया, वह मलयालम सिनेमा की पहचान का अहम हिस्सा रहा है। उनके निधन पर राजनीतिक जगत से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक, हर वर्ग ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया अपूरणीय और व्यक्तिगत क्षति
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने श्रीनिवासन के निधन को मलयालम सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा कि श्रीनिवासन ऐसे दुर्लभ रचनाकार थे, जिन्होंने सिनेमा के हर पहलू में अपनी अलग पहचान बनाई। आम आदमी के जीवन, उसकी कमजोरियों और संघर्षों को पर्दे पर उतारने की उनकी क्षमता बेमिसाल थी। मुख्यमंत्री ने इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए श्रीनिवासन के साथ हुई आत्मीय मुलाकातों को भी याद किया।
इसके अलावा केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी दिवंगत कलाकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शशि थरूर ने जताया शोक
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि श्रीनिवासन जैसे रचनात्मक व्यक्तित्व के बिना मलयालम सिनेमा की कल्पना अधूरी है। उन्होंने व्यंग्य और भावनात्मक गहराई के जरिए दर्शकों को न सिर्फ हंसाया, बल्कि सोचने पर भी मजबूर किया। थरूर ने श्रीनिवासन को ऐसा कलाकार बताया, जिन्होंने स्क्रीन पर नायक की परिभाषा को नए सिरे से गढ़ा और अपनी लेखनी से समाज को आईना दिखाया।
फिल्म जगत ने दी श्रद्धांजलि
श्रीनिवासन के निधन पर मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई नामी कलाकारों ने गहरा दुख जताया है। अभिनेता दुलकर सलमान, पृथ्वीराज सुकुमारन और टोविनो थॉमस सहित अनेक कलाकारों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें याद किया। अभिनेता और लेखक रेन्जी पणिक्कर ने भी श्रीनिवासन को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को अमूल्य बताया।
श्रीनिवासन का जाना मलयालम सिनेमा के उस दौर का अंत माना जा रहा है, जिसमें सादगी, संवेदना और सामाजिक सरोकारों को केंद्र में रखकर फिल्में बनाई जाती थीं।