नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि संसद में पारित किया गया शांति बिल (SHANTI Bill) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसी “एक समय के अच्छे दोस्त” के साथ शांति बहाल करने के उद्देश्य से जल्दीबाजी में लाया गया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह बिल सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट, 2010 के मुख्य प्रावधानों को खत्म कर देता है।

जयराम रमेश ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में अमेरिकी वित्तीय वर्ष 2026 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट पर हस्ताक्षर किए जाने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस 3,100 पन्नों के अधिनियम में पेज 1,912 पर न्यूक्लियर लायबिलिटी नियमों पर संयुक्त भारत-अमेरिका मूल्यांकन का उल्लेख है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “अब स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री ने संसद में शांति बिल को जल्दबाजी में पास कराया, जिसने सिविल लायबिलिटी एक्ट के मुख्य प्रावधानों को खत्म कर दिया।” उन्होंने अमेरिकी अधिनियम की कॉपी साझा करते हुए यह भी कहा कि यह कदम “एक समय के अच्छे दोस्त के साथ शांति बहाल करने के लिए” उठाया गया।

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि शांति बिल से परमाणु सुरक्षा और नागरिक दायित्व संबंधी नियमों पर असर पड़ेगा और इसे लेकर देश में व्यापक चिंता है। पार्टी ने इस कदम को संविधान और नागरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर बताया।