नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और नासा के एक्सिओम-4 मिशन के गगनयात्री शुभांशु शुक्ला रविवार तड़के स्वदेश लौट आए। दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके पहुंचने पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बड़ी संख्या में मौजूद छात्रों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान मंत्री सिंह और मुख्यमंत्री ने शुभांशु की पत्नी कामना शुक्ला का भी अभिनंदन किया।
जानकारी के अनुसार, शुभांशु शुक्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और इसके बाद अपने गृह नगर लखनऊ जाएंगे। उनके साथ गगनयान मिशन के लिए चुने गए एक अन्य भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी भारत लौटे हैं। नायर इस मिशन के लिए बैकअप अंतरिक्ष यात्री रहे।
18 दिन का अंतरिक्ष प्रवास
ग्रुप कैप्टन शुक्ला एक्सिओम-4 निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे। यह मिशन 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ और 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से जुड़ा। शुक्ला ने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज विस्निवस्की और हंगरी के टिबोर कापु के साथ 18 दिन के दौरान 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग और 20 जनसंपर्क कार्यक्रम पूरे किए। वह 15 जुलाई को पृथ्वी पर वापस लौटे थे।
शुभांशु की स्वदेश वापसी पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे भारत के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत का अंतरिक्ष गौरव अब अपनी धरती को छू चुका है। गगनयात्री शुभांशु शुक्ला का भारत आगमन हर देशवासी के लिए गर्व की बात है।”
परिवार और देशवासियों में खुशी
शुक्ला के परिवार ने उनके लौटने पर गहरी खुशी व्यक्त की। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि पूरा परिवार बेटे का स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में शुभांशु की उपलब्धियों को सराहते हुए कहा था कि उन्होंने करोड़ों भारतीयों को प्रेरणा दी है और देश की अंतरिक्ष आकांक्षाओं को नई उड़ान दी है।
सोशल मीडिया पर साझा की भावनाएँ
भारत आने से पहले अमेरिका से रवाना होते समय शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया। विमान में बैठे अपनी तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि अमेरिका छोड़ते वक्त उनके दिल में मिश्रित भावनाएँ थीं। मिशन के दौरान मिले लोगों को पीछे छोड़ने का दुख था, लेकिन देश, परिवार और दोस्तों से मिलने की खुशी भी उतनी ही थी।