अमेरिका की वीजा प्रक्रिया में हालिया बदलावों ने हजारों भारतीय पेशेवरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिसंबर की शुरुआत में वर्क परमिट के नवीनीकरण के लिए भारत आए कई H-1B वीजाधारक अब यहीं अटके हुए हैं। कारण यह है कि अमेरिकी दूतावासों ने पहले से तय वीजा साक्षात्कारों को अचानक रद्द या स्थगित कर दिया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 15 से 26 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले ये साक्षात्कार अमेरिकी विदेश विभाग की नई सोशल मीडिया जांच नीति के चलते रोके गए हैं। विभाग का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र अब वीजा आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों और सोशल मीडिया उपस्थिति की गहन समीक्षा की जा रही है।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इस नई नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी आवेदक राष्ट्रीय या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बने। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने 10 दिसंबर को स्पष्ट किया था कि यह विस्तारित जांच अब H-1B वीजाधारकों के साथ-साथ उनके आश्रितों (H-4) पर भी लागू होगी। उल्लेखनीय है कि H-1B वीजा का सबसे अधिक उपयोग अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां करती हैं और इसके सबसे बड़े लाभार्थियों में भारतीय पेशेवर शामिल हैं।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के माध्यम से वैश्विक अलर्ट जारी करते हुए बताया कि 15 दिसंबर से वीजा स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन समीक्षा को और व्यापक किया गया है। यह नियम सभी देशों के आवेदकों पर समान रूप से लागू किया जा रहा है।
दूतावास का कहना है कि सख्त जांच का मकसद H-1B कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकना और अमेरिकी कंपनियों को योग्य विदेशी पेशेवरों की भर्ती की सुविधा देना है। इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया था कि अमेरिकी प्रशासन अब वीजा मामलों को सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देख रहा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिका वीजा को अधिकार नहीं, बल्कि विशेषाधिकार मानता है।
हजारों साक्षात्कार टले, वापसी पर संकट
नई जांच प्रक्रिया के कारण भारत में 15 दिसंबर से पहले तय किए गए हजारों H-1B साक्षात्कार कई महीनों के लिए टाल दिए गए हैं। जिन लोगों ने पहले ही नवीनीकरण के लिए भारत की यात्रा कर ली थी, वे अब वैध वीजा के अभाव में अमेरिका लौटने में असमर्थ हैं। कुछ आवेदकों के साक्षात्कार मार्च या मई के अंत तक पुनर्निर्धारित किए गए हैं, जिससे उनकी नौकरी और भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।