बेंगलुरु। शहर की व्यस्त सड़कों पर उस समय संवेदनहीनता की हद देखने को मिली, जब एक महिला अपने पति वेंकटरमनन को अस्पताल ले जाने के लिए मदद के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन आसपास मौजूद किसी ने भी मदद नहीं की। सड़क पर गुजरती गाड़ियों के बीच महिला के हाथ जोड़ने और गिड़गिड़ाने के बावजूद कोई भी सामने नहीं आया।

महिला और उनके पति ने किसी तरह बाइक पर अस्पताल जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में दुर्घटना हो गई। कई मिनटों के बाद एक कैब ड्राइवर रुका और पति को पास के अस्पताल तक ले गया। लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने वेंकटरमनन को मृत घोषित कर दिया।

इस घटना ने न केवल सड़क पर मौजूद लोगों की संवेदनहीनता उजागर की, बल्कि स्वास्थ्य आपातकालीन सेवाओं की खामियों को भी सामने ला दिया। परिवार का दावा है कि एंबुलेंस सेवाओं को उपलब्ध कराने में गंभीर लापरवाही हुई।

मृतक की मां ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता क्या कहूँ। मेरा बेटा चला गया और उसकी पत्नी अब दो छोटे बच्चों के साथ अकेली रह गई है। सरकार को हेल्थ इमरजेंसी की गंभीरता समझनी चाहिए।”

वहीं, वेंकटरमनन के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे शामिल हैं—पांच साल का बेटा और 18 महीने की बेटी। इस घटना ने न केवल शहरवासियों के सामने सामाजिक संवेदनशीलता की कमी को उजागर किया, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।