महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी-एसपी नेता अनिल देशमुख ने मंगलवार को दावा किया, देवेंद्र फडणवीस की वजह से सीबीआई ने जलगांव के चार साल पुराने मामले को उठाकर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मुझ पर आरोप लगाया गया है कि मैंने राज्य के गृह मंत्री के रूप में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पुलिस पर दबाव बनाकर जलगांव में भाजपा नेता गिरीश महाजन के मामले में कार्रवाई करने की कोशिश की, यह मेरे खिलाफ लगाया गया आरोप है। मुझे पता है कि देवेंद्र फडणवीस की वजह से मेरे घर पर कभी भी छापा पड़ सकता है, मुझे कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है, मैं इसके लिए तैयार हूं।
'मैं अपनी गिरफ्तारी का कर रहा हूं इंतजार'
वहीं सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में अनिल देशमुख ने यह भी दावा किया कि चार साल पुराने एक मामले में भाजपा नेता के कहने पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा, मेरी जानकारी के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस मेरे खिलाफ छापेमारी करवाने और मुझे गिरफ्तार करवाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं देवेंद्र फडणवीस से कहना चाहता हूं, मैं अपनी गिरफ्तारी का इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने दिल्ली और ईडी-सीबीआई की मदद से महाराष्ट्र की राजनीति को बेहद निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।
2020 के मामले में अनिल देशमुख पर FIR
अधिकारियों ने पिछले हफ्ते बताया कि सीबीआई ने अनिल देशमुख, तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक प्रवीण पंडित चव्हाण और दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 2020 में राज्य के शीर्ष भाजपा नेताओं को झूठे मामले में फंसाने की कथित साजिश के लिए FIR दर्ज की है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने दो साल की प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया, जिसकी शुरुआत 2020 में विपक्ष में रहे देंवेंद्र फडणवीस की तरफ से तत्कालीन महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी गई एक पेन ड्राइव से हुई थी।
पेन ड्राइव में 100 घंटे से अधिक की वीडियो रिकॉर्डिंग
इस पेन ड्राइव में कथित वीडियो थे, जिसमें दिखाया गया था कि प्रवीण पंडित चव्हाण ने जलगांव जिला मराठा विद्या प्रसारक सहकारी समाज के ट्रस्टी और वकील विजय पाटिल और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ भाजपा नेता महाजन को फंसाने की कथित तौर पर साजिश रची थी। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने पेन ड्राइव में 100 घंटे से अधिक की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश की, जिससे पता चलता है कि यह मामला भाजपा नेताओं को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा था। मामले को पहले सीआईडी और बाद में जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था।
अनिल देशमुख ने आरोपों को बताया निराधार
वहीं अनिल देशमुख ने इस मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। बता दें कि पूर्व राज्य गृह मंत्री पहले से ही कथित भ्रष्टाचार के लिए सीबीआई मामले और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दर्ज एक अन्य मामले का सामना कर रहे हैं।