साझा इतिहास और भविष्य का प्रतीक हैं भारत-फिलीपींस संबंध: राष्ट्रपति

नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके सम्मान में भोज का आयोजन भी किया और भारत-फिलीपींस संबंधों को साझा इतिहास और भविष्य की दिशा में अग्रसर सहयोग का प्रतीक बताया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत प्राचीन हैं, जो व्यापारिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक मेलजोल के माध्यम से समय के साथ और भी मजबूत हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि वीज़ा प्रक्रियाओं में सुधार और बेहतर हवाई संपर्क से दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों के बीच सहयोग और गति पकड़ेगा।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत और फिलीपींस की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक धरोहर बेहद समृद्ध है। राष्ट्रपति ने कहा कि सदियों पुराने आपसी संबंधों की झलक आज भी देखने को मिलती है। उदाहरणस्वरूप, रामायण पर आधारित कहानियाँ फिलीपींस में आज भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने आशा जताई कि राष्ट्रपति मार्कोस और उनके प्रतिनिधिमंडल को इस सांस्कृतिक जुड़ाव का अनुभव रात्रिभोज के दौरान मिलेगा।

राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत-फिलीपींस साझेदारी को क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा कि फिलीपींस, भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’, ‘इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण’ और ‘समुद्री दृष्टिकोण’ में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। साथ ही उन्होंने फिलीपींस को आगामी आसियान अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ के सदस्य देशों के रूप में भारत और फिलीपींस कई साझा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और दोनों देश अपने नागरिकों के समावेशी विकास की दिशा में समान उद्देश्य रखते हैं। उन्होंने डिजिटल और वित्तीय तकनीकों में बढ़ते सहयोग का स्वागत करते हुए यह उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह साझेदारी लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

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