नई दिल्ली में भारत और सिंगापुर के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भविष्य में दोनों देशों के सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिंगापुर भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के रक्षा संबंध निरंतर मजबूत हो रहे हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज हमने भविष्य की साझेदारी के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिसमें एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, सिविल न्यूक्लियर और अर्बन वाटर मैनेजमेंट समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत-सिंगापुर संबंधों में राज्यों की भूमिका भी अहम रहेगी। उन्होंने स्मरण किया कि जनवरी में सिंगापुर के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान वे ओडिशा भी गए थे। पिछले साल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुए समझौते के तहत रिसर्च और विकास को बढ़ावा मिला है। चेन्नई में सिंगापुर का नया सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है, जो कुशल मैनपावर तैयार करेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि एआई और अन्य डिजिटल सेक्टर में सहयोग को और बढ़ाया जाएगा। युवाओं की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए इंडिया-सिंगापुर हैकथॉन का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रीन और डिजिटल शिपिंग क्षेत्रों में हुए समझौतों से डिजिटल पोर्ट क्लीयरेंस को बढ़ावा मिलेगा। भारत अपने बंदरगाहों के विकास में तेजी से काम कर रहा है और आज सिंगापुर की कंपनी द्वारा विकसित मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का उद्घाटन भी किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को लेकर दोनों देशों की चिंताएं समान हैं और इसका मुकाबला करने के लिए सहयोग समय की मांग है। उन्होंने सिंगापुर सरकार का आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि दोनों देशों का संबंध केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि गहरे सहयोग पर आधारित है।