केंद्र सरकार ने मखाना क्षेत्र को संगठित और आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए एक नई केंद्रीय योजना को मंजूरी दी है। यह योजना वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगी, जिस पर कुल 476.03 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इसका उद्देश्य मखाना उत्पादन से जुड़े हर चरण को सशक्त करना है, ताकि किसानों की आमदनी बढ़े और भारतीय मखाना देश-विदेश के बाजारों में मजबूत पहचान बना सके।
योजना के तहत अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, किसानों के प्रशिक्षण, कटाई और कटाई के बाद की प्रक्रियाओं में सुधार, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, विपणन, निर्यात प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इन उपायों से मखाना की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों में उल्लेखनीय सुधार होगा।
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की। इस बैठक के साथ ही बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र योजना के क्रियान्वयन की औपचारिक शुरुआत हुई। बैठक में राज्यों और शोध संस्थानों की वार्षिक कार्ययोजनाओं की समीक्षा की गई तथा विभिन्न विकासात्मक घटकों के लिए बजट आवंटन को मंजूरी दी गई।
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राज्यों की बीज आवश्यकताओं को एकीकृत कर बिहार के सबौर स्थित राज्य कृषि विश्वविद्यालय और समस्तीपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से समय पर उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा, बिहार के दरभंगा स्थित एनआरसी मखाना सहित विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां देश के अलग-अलग राज्यों से आने वाले प्रशिक्षुओं को मखाना की पूरी वैल्यू चेन से जुड़ी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ नए इलाकों में भी मखाना की खेती को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
बोर्ड ने खेती और प्रसंस्करण की नई तकनीकों पर अनुसंधान, ग्रेडिंग, सुखाने, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने, आधुनिक खेती पद्धतियों को अपनाने, साथ ही बाजार से सीधा जुड़ाव और निर्यात के लिए तैयारियों पर भी बल दिया। मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक देशभर में मखाना क्षेत्र के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-उन्मुख विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तय करती है।
गौरतलब है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा के अनुरूप राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन किया गया था। इसका औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2025 को बिहार में किया था, जिसे मखाना उद्योग को नई दिशा देने वाला अहम कदम माना जा रहा है।