पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विश्व प्रसिद्ध फुटबॉलर लियोनेल मेसी की एक झलक पाने को उमड़े प्रशंसकों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब महंगे टिकट खरीदने के बावजूद उन्हें मेसी को देखने का मौका नहीं मिला। मेसी के कार्यक्रम स्थल से रवाना होते ही नाराज भीड़ ने कुर्सियां और अन्य सामान तोड़ना शुरू कर दिया, जिससे स्टेडियम में अव्यवस्था की स्थिति बन गई।
इस घटना को लेकर कथित VIP कल्चर पर सवाल उठने लगे हैं और राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए भीड़ प्रबंधन में विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारी पुलिस व्यवस्था और अधिकारियों की मौजूदगी के कारण आम लोग मेसी को देख तक नहीं सके।
हिमंता बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की गृह मंत्री भी हैं, ऐसे में कोलकाता में हुई अव्यवस्था की जिम्मेदारी उन्हीं और पुलिस कमिश्नर की बनती है। उन्होंने दोनों की गिरफ्तारी की मांग भी की।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी और मुंबई जैसे बड़े आयोजनों में लाखों की भीड़ होने के बावजूद शांति बनी रही, लेकिन पश्चिम बंगाल में VIP संस्कृति हावी है, जिससे आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि लियोनेल मेसी विश्वभर के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं और ऐसे आयोजनों में जनता के साथ न्याय होना चाहिए।
क्या है पूरा मामला
विश्व कप विजेता फुटबॉलर लियोनेल मेसी के कोलकाता दौरे के दौरान सॉल्ट लेक स्टेडियम में हजारों की संख्या में प्रशंसक पहुंचे थे। दर्शकों ने हजारों रुपये खर्च कर टिकट खरीदे थे, लेकिन करीब 20 मिनट के कार्यक्रम के दौरान मेसी नेताओं और अधिकारियों से घिरे रहे, जिससे स्टेडियम में मौजूद लोग उन्हें देख नहीं सके।
मेसी के जाने के बाद नाराज भीड़ ने स्टेडियम में तोड़फोड़ शुरू कर दी। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजनकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।