नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय और व्यक्तिगत कूटनीति के चलते बीते दस वर्षों में भारत और खाड़ी देशों के संबंधों में उल्लेखनीय मजबूती आई है। उनकी हालिया ओमान यात्रा को इसी कड़ी में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है। विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि ओमान के साथ आगे बढ़ता मुक्त व्यापार समझौता न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को गति देगा, बल्कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के अन्य सदस्य देशों के साथ व्यापारिक सहयोग के नए रास्ते भी खोलेगा।
मोदी के नेतृत्व में भारत ने पश्चिम एशिया के साथ संबंधों को ऐसी ऊंचाई तक पहुंचाया है, जो इससे पहले किसी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देखने को नहीं मिली। इसी का परिणाम है कि जीसीसी के छह में से पांच देशों ने अब तक प्रधानमंत्री मोदी को अपने-अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है। हालिया ओमान दौरे में भी उन्हें वहां का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया गया।
ऊर्जा से आगे बढ़ी साझेदारी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत और खाड़ी देशों के बीच सहयोग अब केवल तेल-गैस और भारतीय श्रमिकों तक सीमित नहीं रह गया है। रक्षा, निवेश, तकनीक, खाद्य सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी जैसे क्षेत्रों में भी रिश्ते लगातार गहरे हो रहे हैं।
नेताओं से व्यक्तिगत संवाद को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने खाड़ी देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यक्तिगत संवाद को हमेशा अहम माना है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज, बहरीन के किंग हमद बिन ईसा अल खलीफा, कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह, ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक और कतर के अमीर शेख तमिम बिन हमद अल थानी के साथ उनके संबंधों को असाधारण रूप से सौहार्दपूर्ण माना जाता है।
खाड़ी देशों से सबसे ज्यादा दौरों का रिकॉर्ड
मोदी किसी भी अन्य भारतीय प्रधानमंत्री की तुलना में खाड़ी देशों के सर्वाधिक दौरे कर चुके हैं। अब तक वे जीसीसी देशों की 15 यात्राएं कर चुके हैं। जीसीसी के छह सदस्य देशों में से कतर को छोड़कर शेष पांच देशों ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है। यह संकेत है कि खाड़ी क्षेत्र अब भारत को अपनी दीर्घकालिक रणनीति के केंद्र में देख रहा है।
प्रमुख सम्मान
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सऊदी अरब: ऑर्डर ऑफ किंग अब्दुल अजीज (2016)
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यूएई: ऑर्डर ऑफ जायद (2019)
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बहरीन: किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां (2019)
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कुवैत: ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर (2024)
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ओमान: द फर्स्ट क्लास ऑफ द ऑर्डर ऑफ ओमान (2025)
विश्वसनीय नेतृत्व की मुहर
विशेषज्ञों का कहना है कि ये सम्मान केवल औपचारिक नहीं हैं। जीसीसी देशों में ऐसे अलंकरण उन्हीं नेताओं को दिए जाते हैं, जिन्हें भरोसेमंद और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे स्पष्ट है कि खाड़ी क्षेत्र प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भारत की वैश्विक भूमिका पर दीर्घकालिक विश्वास जता रहा है।
शांति के प्रयासों में भी सक्रिय भूमिका
इसी बीच, एस्टोनिया में भारत के राजदूत आशीष सिन्हा ने कहा है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उम्मीद जगाती है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की—दोनों के साथ व्यक्तिगत संबंध हैं, जो शांति प्रयासों के लिए अहम साबित हो सकते हैं। राजदूत के अनुसार, भारत का शांति का संदेश बाल्टिक क्षेत्र समेत पूरी दुनिया में गंभीरता से सुना जा रहा है।