राजधानी दिल्लीवासियों को आखिरकार तपती गर्मी से राहत मिल गई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को दिल्ली में दस्तक दे दी, जो तय समय 30 जून से एक दिन पहले पहुंचा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 29 जून को मानसून ने राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के शेष हिस्सों को भी अपने प्रभाव में ले लिया।
आमतौर पर दिल्ली में मानसून जुलाई के पहले हफ्ते में आता है, लेकिन इस बार वह 9 दिन पहले ही राजधानी तक पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से और पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटवर्ती क्षेत्र में एक निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय है, जो समुद्र तल से करीब 7.6 किमी ऊपर तक फैला है। अगले 48 घंटों में इसके ओडिशा, झारखंड और गंगा के मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने की संभावना जताई गई है, जिससे इन क्षेत्रों में भी बारिश तेज हो सकती है।
2020 के बाद सबसे तेज रफ्तार से फैला मानसून
IMD के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून ने इतनी तेज गति से पूरे देश को अपने घेरे में लिया है। उस वर्ष मानसून ने 26 जून तक भारत के सभी हिस्सों को कवर कर लिया था। इस साल मानसून ने 24 मई को केरल से शुरुआत की, जो 2009 के बाद सबसे पहले हुआ आगमन है। 2009 में मानसून 23 मई को आया था।
इस वर्ष अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने मजबूत सिस्टम के चलते मानसून ने 29 मई तक मुंबई, मध्य महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों तक तेज़ी से पहुंच बनाई। हालांकि इसके बाद 29 मई से 16 जून तक लगभग 18 दिनों तक इसकी प्रगति थमी रही।
दिल्ली में बदला मौसम का मिजाज
दिल्ली में मानसून के आने में थोड़ी देरी ज़रूर हुई, जिसका कारण क्षेत्र में सक्रिय एंटी-साइक्लोनिक हवाएं थीं। ये हवाएं मानसूनी प्रवाह को रोक रही थीं। लेकिन रविवार को स्थिति बदली और रुक-रुक कर हुई बारिश ने दिल्ली-एनसीआर में मौसम को खुशनुमा बना दिया। हल्की ठंडक और भीगी सड़कों ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी।