तेलंगाना सरकार ने सभी मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के पाक महीने के लिए बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने 2 मार्च से 31 मार्च तक रमजान के दौरान नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को शाम 4 बजे अपना ऑफिस छोड़ने की इजाजत दी है. मुख्य सचिव शांति कुमारी ने एक आदेश जारी कर मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में एक घंटा पहले ऑफिस छोड़ने की अनुमति दी है.

सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘सरकार राज्य में काम करने वाले सभी मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों/शिक्षकों/अनुबंध/आउट-सोर्सिंग/बोर्ड/निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान शाम 4 बजे अपने दफ्तरों/स्कूलों से निकलने की अनुमति देती है, यानी 2 से 31 मार्च (दोनों दिन शामिल) तक वे जरूरी नमाज अदा करने के लिए अपने दफ्तरों/स्कूलों से निकल सकते हैं, सिवाय इसके कि जब उन्हें उपरोक्त अवधि के दौरान सेवाओं की अनिवार्यता के कारण उपस्थित होना आवश्यक हो’.


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मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद में खास व्यवस्था

इस बीच अल्पसंख्यक कल्याण विभाग रमजान महीने के लिए ऐतिहासिक मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद में बड़े स्तर व्यवस्था कर रहा है. पहले की तरह मस्जिदों में नमाजियों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. रमजान के महीने में हर रात होने वाली विशेष नमाज तरावीह के लिए खास व्यवस्था की जा रही है. विभाग का कहना है कि हैदराबाद के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तरफ से दी गई जरूरतों के हिसाब से मक्का मस्जिद, चारमीनार, रॉयल मस्जिद, नामपल्ली और सचिवालय मस्जिद को 2,250 किलोग्राम हाई क्वालिटी वाले खजूर उपलब्ध कराए जाएंगे.

इमामों और मुअज्जिनों को 2 महीने का बकाया भुगतान

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव तफसीर इकबाल और अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक यास्मीन बाशा ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की. मक्का मस्जिद में हर शुक्रवार को जलसा यौम-उल-कुरान आयोजित करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अनुमति दी गई है. वहीं तेलंगाना वक्फ बोर्ड ने इमामों और मुअज्जिनों के मासिक मानदेय के बकाया का भुगतान करने के लिए धनराशि जारी की. राज्य भर के 10,700 इमामों और मुअज्जिनों को दो महीने का बकाया भुगतान करने के लिए 15.37 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

यह राशि रमजान के पवित्र महीने को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है. इमामों और मुअज्जिनों को हर महीने 5,000 रुपए मानदेय मिलता है. उन्हें पिछले चार महीनों से मानदेय नहीं मिला था. विभिन्न हलकों से मांग के बाद, तेलंगाना वक्फ बोर्ड ने आखिरकार धनराशि जारी कर दी है, जो इन लोगों के लिए बेहद खुशी की बात है.