प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी पहुंचे, जहाँ उन्होंने ऐतिहासिक श्री कृष्ण मठ में आयोजित "लक्ष गीता पाठन" कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम मोदी लगभग 14 वर्षों बाद उडुपी पहुँचे थे, और इस दौरान आयोजित उनके भव्य रोड शो में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उडुपी हमेशा से भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ के सुशासन मॉडल की महत्वपूर्ण भूमि रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि 1968 में उडुपी के नागरिकों ने जनसंघ के वी.एस. आचार्य को नगर निगम में चुनकर एक नए शासन मॉडल की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री ने श्री कृष्ण मठ में संतों के बीच उपस्थित होने को अपने लिए विशेष सम्मान बताया।
पहलगाम हमले का जिक्र, सुरक्षा पर कड़ा संदेश
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस हमले में कानरा समुदाय के कई लोगों सहित अनेक निर्दोष नागरिकों की जान गई। उन्होंने कहा कि पहले ऐसी घटनाओं पर सरकारें चुप रहती थीं, लेकिन “यह नया भारत किसी के सामने झुकता नहीं, और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाता है।”
मिशन सुदर्शन चक्र की अवधारणा पर बोले पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल किले से देश को भगवान कृष्ण की करुणा का संदेश भी मिलता है और वहीं से “मिशन सुदर्शन चक्र” का संकल्प भी। उन्होंने कहा कि यह मिशन देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक, रणनीतिक और सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए ऐसा सुरक्षा कवच तैयार करने का लक्ष्य रखता है, जिसे कोई भी दुश्मन तोड़ न सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत शांति स्थापित करना भी जानता है और आवश्यकता पड़ने पर दुश्मन के इरादों को ध्वस्त करना भी।
समग्र विकास और नारी सशक्तिकरण पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की सुरक्षा नीति 'वसुधैव कुटुम्बकम' और 'धर्मो रक्षति रक्षितः' जैसे मूल विचारों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सरकार की सबका साथ, सबका विकास, सर्वजन हिताय–सर्वजन सुखाय की नीति भी इन्हीं सिद्धांतों से प्रेरित है।
उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण गरीबों की सेवा का संदेश देते हैं, और इसी भावना से आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी पहलें तैयार हुईं। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को कृष्ण की शिक्षा से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि इसी प्रेरणा से देश ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया है।