पहलगाम हमला: जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा- आतंक नासूर और इस्लाम के विपरीत

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की दो दिवसीय कार्यकारी समिति बैठक के दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में हमले की भर्त्सना करते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह बैठक संस्था के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी की अध्यक्षता में हो रही है।

आतंकवाद को बताया इस्लाम विरोधी

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आतंकवाद इंसानियत और इस्लाम दोनों के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अमानवीय कृत्यों की खिलाफत करना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को आहत किया है और यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर नहीं बल्कि भारत के हर नागरिक के लिए शोक का विषय है।

कश्मीरी जनता की सराहना

मौलाना मदनी ने कश्मीर के आम नागरिकों के सहयोग और मानवता के भाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने संकट की घड़ी में पर्यटकों की सहायता की, उनके लिए अपने घरों के दरवाजे खोले और मुफ्त भोजन व परिवहन जैसी सुविधाएं दीं।

नफरत फैलाने वालों को चेतावनी

जमीयत ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश में एकता बनी हुई है, लेकिन कुछ तत्व समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है। संगठन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सरकार के प्रयासों को समर्थन

बैठक में पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत सरकार द्वारा उठाए गए सभी उचित कदमों को जमीयत पूरा समर्थन देती है।

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