महाराष्ट्र में लंबे समय तक चली असहमति के बाद भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने आखिरकार नगर निकाय चुनावों में साथ उतरने का ऐलान कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुंबई, ठाणे और अन्य नगर निगम क्षेत्रों में दोनों दल मौजूदा महायुति गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सोमवार देर रात नागपुर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं चंद्रशेखर बावनकुले और रविंद्र चव्हाण भी मौजूद थे। राज्य चुनाव आयोग ने अभी चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों दल पहले से ही चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं।
बैठक में महायुति के भीतर बढ़ती खींचतान को समाप्त करने और किसी भी नेता के टूटने या दल-बदल को रोकने पर जोर दिया गया। पिछले कुछ महीनों में स्थानीय चुनावों के पहले चरण में भाजपा और शिवसेना कई स्थानों पर आमने-सामने आई थीं, जिससे विवाद बढ़ा था।
शिवसेना के एक नेता ने कहा कि सीटों के बंटवारे पर चर्चा अगले दो-तीन दिनों में स्थानीय स्तर पर शुरू होगी। दोनों दल विशेष रूप से मुंबई और ठाणे पर अपना फोकस बनाए रखेंगे। शिवसेना इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, जबकि भाजपा महापौर पदों पर अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान देगी।
सिंध शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने विधायकों और मंत्रियों से कहा कि महायुति के सभी घटक दल—भाजपा, शिवसेना और एनसीपी—एकजुट होकर चुनाव लड़ें। उन्होंने नेताओं को किसी भी विवादास्पद बयान या कदम से बचने और जिला परिषद व नगर निगम चुनावों में गठबंधन को मजबूत बनाए रखने का निर्देश दिया।
पहले चरण के चुनावों में महायुति के सहयोगी दल कई स्थानों पर आमने-सामने आए थे, जिससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई थी। अब जबकि दोनों दल औपचारिक रूप से एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं, चुनौती यह है कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की एकता को कैसे बनाए रखा जाए।