नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत चार प्रतिष्ठित हस्तियों को शुभकामनाएं दीं। इनमें पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, 26/11 मुंबई हमलों के विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम, केरल के समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मस्ते तथा जानी-मानी इतिहासकार मीनाक्षी जैन शामिल हैं।

गौरतलब है कि शनिवार देर रात गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के खंड (3) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन चारों को राज्यसभा में मनोनीत किया। यह नामांकन राज्यसभा में रिक्त स्थानों को भरने के उद्देश्य से किया गया है, जो पहले से मनोनीत सदस्यों के कार्यकाल पूरा होने के कारण खाली हुई थीं।

निकम के योगदान को बताया प्रेरक

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर उज्ज्वल निकम को बधाई देते हुए लिखा कि वे कानून के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कई अहम मामलों में न्याय सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने कहा कि उनका नामांकन उनके दीर्घकालिक योगदान का सम्मान है।

श्रृंगला को बताया रणनीति का विशेषज्ञ

पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के नाम की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें एक उत्कृष्ट कूटनीतिज्ञ और रणनीतिक सोच वाला नेतृत्वकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि श्रृंगला का योगदान भारत की विदेश नीति को नई दिशा देने में अहम रहा है और राज्यसभा में उनकी मौजूदगी इस दृष्टिकोण को और समृद्ध करेगी।

सदानंदन मस्ते को साहस की मिसाल बताया

सी. सदानंदन मस्ते के चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने उन्हें ऐसा व्यक्ति बताया जिन्होंने सामाजिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में साहसिक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की उनकी भावना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

मीनाक्षी जैन के शोध की सराहना

इतिहासकार मीनाक्षी जैन को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने शिक्षा और ऐतिहासिक शोध के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दिया है। उनका कार्य साहित्य और राजनीतिक अध्ययन के क्षेत्र में विचारोत्तेजक रहा है, और राज्यसभा में उनकी मौजूदगी बौद्धिक विमर्श को समृद्ध बनाएगी।