कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। भाजपा नेता दिलीप घोष ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण बंगाल में 'बांग्लादेश बनाने की साजिश' का हिस्सा है। उन्होंने इसे ममता बनर्जी का 'तोहफा' करार दिया और मस्जिद को मुगल शासक बाबर के नाम पर रखने पर सवाल उठाया।
भाजपा के अनुसार, पूरे देश में कहीं भी बाबरी मस्जिद नहीं है, तो बंगाल में इसे क्यों बनाया जा रहा है। घोष ने कहा, "मस्जिद बनाना गलत नहीं है, लेकिन इसे बाबर के नाम पर क्यों रखा जा रहा है, जो एक अत्याचारी आक्रांता था।"
वहीं, विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 22 दिसंबर को अपनी नई सियासी पार्टी की घोषणा करने का एलान किया है। कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी और कहा कि यह कदम संविधान के अनुच्छेद 26(ए) के तहत पूरी तरह वैध है। उन्होंने मस्जिद निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिसमें अस्पताल, गेस्ट हाउस और बैठक कक्ष शामिल होंगे।
भाजपा ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह हुमायूं कबीर को मुसलमानों का ध्रुवीकरण करने की अनुमति देकर धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे रही हैं। पार्टी ने राज्य में विपक्ष के नेताओं की निलंबन प्रक्रिया में देरी और क्षेत्र की सत्तर फीसदी मुस्लिम आबादी का हवाला देते हुए राज्य सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया।
कबीर ने कहा, "मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा। कोई मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है, मैं मस्जिद बनाऊंगा। राज्य में बाबरी मस्जिद बनेगी, और यह मुसलमानों का वादा है।"
इस मामले ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सियासी तापमान और बढ़ा दिया है, और राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी जारी है।