पुणे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक संतुलन वर्तमान में बड़े बदलाव से गुजर रहा है, और अब शक्ति के कई केंद्र उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने यह बात सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के 22वें दीक्षांत समारोह में कही।
जयशंकर ने कहा, “कोई भी देश, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अब सभी मुद्दों पर अपनी मर्ज़ी थोप नहीं सकता।” उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान समय में दुनिया के देशों के बीच एक स्वाभाविक मुकाबला देखा जा रहा है, जो अपने आप में संतुलन पैदा करता है।
विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वैश्विक परिदृश्य में अब पावर और प्रभाव के कई केंद्र मौजूद हैं, और कोई भी राष्ट्र एकतरफा प्रभाव नहीं चला सकता। उनका यह बयान वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में भारत की सक्रिय भूमिका और बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को समझने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।