कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संसद में कथित आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे केवल शाह के दृष्टिकोण का परिचायक नहीं, बल्कि वर्तमान सरकार में जवाबदेही की कमी का संकेत भी बताया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रियांक खरगे ने लिखा कि "कहावत है कि आपकी भाषा आपके नजरिए को दिखाती है।" उन्होंने संसद में हुई घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण चेयर की प्रतिक्रिया थी—मुस्कान और चुप्पी। न कोई फटकार, न कोई जवाबदेही, न संसद का सम्मान, न संविधान की रक्षा।

प्रियंक खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने लोकतंत्र को केवल एक तमाशा बना दिया है। उनका कहना था कि भाजपा-आरएसएस ने हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को गंभीर से लेकर मजाक में बदल दिया है।

यह विवाद 10 दिसंबर को तब शुरू हुआ, जब गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच 'वोट चोरी' को लेकर बहस गरम हो गई। राहुल गांधी ने लगातार शाह को तीन प्रेस वार्ताओं में उठाए गए मुद्दों पर बहस करने की चुनौती दी। इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि संसद उनकी मर्जी से नहीं चलेगी और सभी सवालों का जवाब वे अपनी क्रम में देंगे।

इस दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे वोटर लिस्ट सुधार (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, जो वोटर लिस्ट को सही करने के लिए लागू है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग के प्रति दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं हैं।

राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए गृह मंत्री के जवाब को रोकते हुए कहा कि उन्हें तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों पर बहस की चुनौती दी गई थी। उन्होंने यह भी पूछा कि चुनाव आयोग को पूरी सुरक्षा क्यों दी गई और 19 लाख फर्जी वोटरों के मामले पर स्पष्टता क्यों नहीं आई।