बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इंडी गठबंधन और कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाए थे। अब उनके कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से कथित मुलाकात की खबरों ने सियासी हलचल और तेज कर दी है। इस पूरे मामले पर प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचीं प्रियंका गांधी से जब प्रशांत किशोर से मुलाकात को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर न तो पुष्टि की और न ही साफ इनकार किया। इसके बजाय उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए संसद की कार्यवाही बाधित होने का मुद्दा उठा दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा, “क्या यही कोई बड़ा सवाल है? आप यह क्यों नहीं पूछते कि सरकार बार-बार सदन की कार्यवाही क्यों रोक रही है?”
कांग्रेस की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए नारों को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को इस बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि बाद में पता चला कि किसी व्यक्ति ने सार्वजनिक मंच पर ऐसा बयान दिया है, लेकिन वह कौन था, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब खुद भाजपा को यह नहीं पता कि वह व्यक्ति कौन है, तो प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाने का क्या औचित्य है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना नहीं चाहती।
इधर, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हाल ही में प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी के बीच करीब दो घंटे तक बैठक हुई। कांग्रेस से अलग होने के तीन साल बाद एक बार फिर प्रशांत किशोर का नाम पार्टी से जोड़ा जा रहा है, जिससे नए सियासी समीकरणों की अटकलें लगाई जा रही हैं।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की रणनीति पर तीखे सवाल उठाए थे। उन्होंने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ और एसआईआर अभियान को चुनावी मुद्दा मानने से इनकार किया था। बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हो सकी। वहीं, कांग्रेस को इस चुनाव में मात्र छह सीटों से संतोष करना पड़ा।