नई दिल्ली: इंडिगो की लगातार रद्द और विलंबित उड़ानों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने ताज़ा पोस्ट में उन्होंने कहा कि इंडिगो की परिचालन विफलता इस सरकार के 'एकाधिकार मॉडल' की कीमत है। उन्होंने लिखा कि आम भारतीयों को अब भी उड़ानों की देरी, रद्द और असुविधा के रूप में इसका भुगतान करना पड़ रहा है। राहुल गांधी ने कहा, “भारत को हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हक है, न कि एकाधिकार आधारित सिस्टम जिसमें सब कुछ तय किया जाता है।”
उड़ानें 10 फरवरी तक सामान्य होंगी:
इंडिगो ने गुरुवार को 550 और शुक्रवार को 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई। कंपनी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को बताया कि उनकी उड़ानें 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी। इंडिगो ने इस दौरान उड़ान ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में अस्थायी ढील की मांग भी की है। एयरलाइन का कहना है कि हाल की समस्याओं का मुख्य कारण नए FDTL नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में गलत योजना और आंकलन रहा। इसके चलते आठ दिसंबर तक और उड़ानों को रद्द करने की संभावना है, और उस दिन से सेवाओं में कमी बनी रहेगी।
विमानन मंत्री ने लिया कड़ा रुख:
विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो की उड़ानों में रुकावट की स्थिति का आकलन करने के लिए उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने नए FDTL नियमों को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया और कहा कि कंपनी के पास इसे करने के लिए पर्याप्त समय था। मंत्री ने सुनिश्चित करने को कहा कि आगे यात्रियों को इस प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े।