नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बनी वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी का बयान सियासी बहस का कारण बन गया है। मोहनलालगंज से सांसद चौधरी ने प्रदूषण के लिए पारंपरिक गतिविधियों जैसे शवदाह और होलिका दहन से निकलने वाली गैसों का भी जिक्र किया, जिसके बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सपा सांसद आरके चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि शवों के दहन और होलिका दहन जैसी गतिविधियों से कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जिससे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित होती है। उन्होंने दावा किया कि देश में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अपनाई जा रही नीतियां सही दिशा में नहीं हैं।
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आरके चौधरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर अधिकतर प्रयास ऑक्सीजन की खपत कम करने पर केंद्रित हैं, जबकि जरूरत इस बात की है कि ऐसे उपाय किए जाएं, जिनसे ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़े और हानिकारक गैसों का उत्सर्जन घटे। उन्होंने कहा कि केवल वृक्षारोपण पर जोर देना पर्याप्त नहीं है, जब बड़े पैमाने पर ऐसी गतिविधियां जारी हैं, जिनसे प्रदूषण बढ़ता है।
सपा सांसद ने यह भी कहा कि उनके बयान को धार्मिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के मुद्दे के रूप में समझा जाना चाहिए। उनका कहना था कि जो भी गतिविधियां इंसानों और जानवरों के लिए हानिकारक गैसों का कारण बनती हैं, उन पर वैकल्पिक और वैज्ञानिक समाधान तलाशे जाने चाहिए।
इस बयान पर भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आरके चौधरी का बयान आस्था से जुड़ी परंपराओं पर सवाल उठाने वाला है और उन्हें अपने विचारों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है। इससे न केवल दृश्यता प्रभावित होती है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है।