असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को तेजपुर विश्वविद्यालय में जारी छात्र आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि वे किसी भी तरह के आंदोलन या उग्र विरोध के पक्षधर नहीं हैं। उन्होंने कहा, "जहां संवाद होगा, वहां मैं रहूंगा; जहां आंदोलन होगा, वहां नहीं रहूंगा।" यह बात उन्होंने उधारबोंड में आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कही।

कुलपति शंभु नाथ सिंह पर आरोप है कि उन्होंने लोकप्रिय असमिया गायक जुबिन गर्ग के निधन के समय विश्वविद्यालय समुदाय की भावनाओं का सम्मान नहीं किया। इस मुद्दे को लेकर सितंबर से छात्र आंदोलन शुरू हुआ, जो 29 नवंबर से पूरे कैंपस में ‘कंप्लीट शटडाउन’ तक बढ़ गया। इसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी सेमेस्टर परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं।

मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या केंद्रीय टीम की हालिया यात्रा के बाद कुलपति को हटाया गया है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।

सरमा ने पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से अनुरोध किया था कि निष्पक्ष जांच पूरी होने तक विश्वविद्यालय में प्रो-वीसी की नियुक्ति की जाए, ताकि प्रशासनिक कामकाज प्रभावित न हो।

इस विवाद की जड़ 22 सितंबर को बनी, जब कुलपति और छात्रों के बीच तीखी बहस और हंगामा हुआ और शंभु नाथ सिंह को कैंपस छोड़ना पड़ा। इसके बाद से 11 से अधिक फैकल्टी सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी या तो इस्तीफा दे चुके हैं या विश्वविद्यालय छोड़ चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके पास जो सबूत हैं, वे तुरंत जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं और कुलपति को पद पर रहने देना विश्वविद्यालय की साख और ईमानदारी के लिए खतरा है।

यह आंदोलन असम के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्र शिकायतों और प्रशासनिक जवाबदेही के बीच संतुलन की चुनौती को उजागर करता है।