मुर्शिदाबाद: बाबरी मस्जिद-शैली की मस्जिद के शिलान्यास के बाद राजनीतिक हलचल में रहे निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने सोमवार को बड़ा यू-टर्न लिया। कुछ दिन पहले 17 दिसंबर को इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके कबीर ने अब कहा कि वे विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मेरे इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। मेरे क्षेत्र के लोगों ने मुझसे इस्तीफा न देने की अपील की है और मैं उनकी इच्छा का सम्मान करूंगा।"

जनसमर्थन से बदल गया मन
कबीर ने बताया कि मस्जिद शिलान्यास कार्यक्रम में अप्रत्याशित जनसमर्थन मिला, जिससे उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। उन्होंने कहा, "लोगों ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है। वे चाहते हैं कि मैं पद पर बना रहूं।" पहले उन्होंने 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी बनाने और उसके पहले इस्तीफा देने की योजना का ऐलान किया था।

टीएमसी ने बढ़ाई दूरी, सीटिंग व्यवस्था बदलेगी
टीएमसी ने साफ किया है कि पार्टी अब कबीर से विधानसभा में दूरी बनाए रखेगी। सूत्रों के अनुसार, उनकी सीट को भाजपा बेंचों के पास शिफ्ट किया जाएगा। पहले उन्हें मंत्रालय के अनुभव के कारण पहली पंक्ति में रखा गया था। पार्टी मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा कि निलंबित विधायकों की सीटिंग पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

मस्जिद शिलान्यास से बढ़ा राजनीतिक तनाव
शनिवार को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद-शैली की मस्जिद का शिलान्यास प्रशासनिक निगरानी में किया गया था। इस कार्यक्रम के बाद राजनीतिक तनाव बढ़ा और पार्टी ने कबीर को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया।

नई पार्टी बनाने की योजना कायम
इस्तीफा वापस लेने के बावजूद कबीर ने कहा कि वे नई पार्टी बनाने के अपने प्लान पर कायम हैं। उन्होंने दावा किया कि दो और विधायक उनके साथ आएंगे, लेकिन नाम साझा करने से इंकार किया। कबीर ने यह भी कहा कि सीपीआई(एम) नेता मोहम्मद सलीम कांग्रेस से बातचीत कर रहे हैं और मुर्शिदाबाद में सीट-शेयरिंग की संभावना है।

गीता पाठ के जवाब में कुरान पाठ
कबीर ने घोषणा की कि मुर्शिदाबाद में जन-स्तर पर कुरान पाठ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह कदम कोलकाता ब्रिगेड ग्राउंड में हुए भाजपा समर्थित ‘पंच लाख कंठे गीता पाठ’ के जवाब में उठाया गया है। टीएमसी राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कबीर पर तीखा हमला किया और कहा कि पार्टी गीता का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं चाहती, जबकि कबीर ने बाबरी मस्जिद का नाम लेकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की।