केरल की वायनाड सीट से लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम पर चल रही बहस में हिस्सा लेते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने संसद में कहा कि वंदे मातरम सिर्फ भावनाओं का गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की ताकत और नैतिकता का प्रतीक है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि सरकार इस बहस के माध्यम से आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
प्रियंका ने कहा, “हम देश के लिए हैं, आप चुनाव के लिए हैं। वंदे मातरम का नाम लेते ही स्वतंत्रता संग्राम की यादें और साहस सामने आता है। 1930 के दशक में सांप्रदायिक राजनीति उभरने पर यह गीत विवादास्पद बन गया था। पीएम मोदी ने नेहरू और नेताजी के बीच 1937 में हुई चर्चाओं का जिक्र नहीं किया।”
सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वे अब पहले जैसे नहीं रहे और उनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के कई लोग भी इस बात से सहमत हैं, लेकिन चुप हैं। प्रियंका ने सवाल उठाया कि महंगाई, बेरोजगारी और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं हो रही, जबकि संसद में वंदे मातरम पर बहस कराई जा रही है।
प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 में इसे पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में प्रस्तुत किया था, और 1905 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ इसके माध्यम से संघर्ष हुआ। उन्होंने बताया कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसकी नींव रखी और उपन्यास 'आनंदमठ' में इसके अतिरिक्त छंद जोड़े।
प्रियंका ने कहा, “वंदे मातरम सिर्फ गीत नहीं, यह देशभक्ति और बलिदान की भावना जगाने वाला प्रतीक है। सरकार बार-बार इतिहास में उलझकर जनता का ध्यान भटका रही है, जबकि वर्तमान और भविष्य की गंभीर चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।”
सांसद ने यह भी कहा कि आगामी चुनाव पर चर्चा का समय आने पर विपक्ष खुलकर अपनी बात रखेगा और जनता को सही दिशा में मार्गदर्शन देगा।