वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से जल्द सुनवाई की मांग की जा सकती है. याचिकाकर्ताओं की ओर से CJI की बेंच से सोमवार को जल्द सुनवाई के लिए मेंशनिंग की जा सकती है. बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गया है. उसके बाद शनिवार की रात को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधेयक को मंजूरी दे दी है. इससे इसका कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है.

अब तक सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व अन्य याचिका दायर कर चुके हैं. याचिकाओं में वक्फ बोर्ड संशोधन कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग है.

इनके अतिरिक्त एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एक गैर सरकारी संगठन ने भी वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में की गयी है ये मांग

एक याचिका केरल के सुन्नी मुस्लिम विद्वानों और मौलवियों के धार्मिक संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी दायर की है. उनकी ओर से अधिवक्ता जुल्फिकार अली पी एस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि संशोधन विधेयक से वक्फ का धार्मिक चरित्र को विकृत हो जाएगा. इससे वक्फ और वक्फ बोर्डों के प्रशासन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को काफी क्षति पहुंचेगी.

कल इमरान प्रतापगढ़ी सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका

दूसरी ओर, सोमवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे. ये पार्टी की तरफ से आधिकारिक याचिका होगी.

इससे पहले बिहार से लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने याचिका दाखिल की थी, लेकिन कानून बनने के बाद ये पार्टी की आधिकारिक याचिका होगी. याचिका में इस कानून को असंवैधानिक बताया गया है. कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के वरिष्ठ वकीलों से चर्चा के बाद सोमवार को याचिका दायर होगी.